पूर्णिया: भारत सरकार द्वारा जारी आदेश के बाद आज 1 जुलाई से कानून के तीन नियम लागू किए गए हैं। जो अब संपूर्ण भारत में लागू हो गया है। जो नियम लागू हुए हैं, उन नियमों में प्रथम- भारतीय न्याय संहिता, द्वितीय- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता तथा तृतीय- भारतीय साक्ष्य अधिनियम शामिल है। इस नए कानून को लागू होने के बाद जिले के सभी थानों में इससे संबंधित जागरूकता अभियान चलाया गया। पूर्णिया के सदर थाना में डीआईजी विकास कुमार तथा कसबा थाना में एसपी उपेंद्रनाथ वर्मा ने जागरूकता अभियान को संचालित कर वहां आए सभी लोगों को जानकारी दी। सदर थाना में डीआईजी विकास कुमार के साथ सदर डीएसपी पुष्कर कुमार मौजूद थे। डीआईजी विकास कुमार ने बताया कि जिले के सभी थानों में आज जागरूकता अभियान चलाया गया है, जिससे लोगों को यह जानकारी मिले कि यह जो अपराधिक तीन कानून बदले गए हैं, उस कानून से आम जनता को क्या-क्या फायदा है? अब किसी भी सूरत में ऑनलाइन केस दर्ज करने की पुलिस की बाध्यता होगी।
हालांकि कुछ खास मामलों में एफआईआर करने से पहले पुलिस को कुछ जांच करने की छूट मिली है। नए कानून में महिलाओं तथा बच्चों के खिलाफ अपराधों की जांच को प्राथमिकता दी गई है। मामला दर्ज होने के बाद 2 महीने के भीतर पुलिस को इसकी जांच पूरी करनी होगी तथा 90 दिन के अंदर एफआईआर दर्ज करवाने वाले अथवा पीड़ित को 90 दिन के भीतर अपने मामले में क्या प्रगति हुई है उसे नियमित रूप से जानने का पूर्ण अधिकार होगा। एसपी उपेंद्रनाथ वर्मा ने बताया कि बिना थाना गए घटनाओं की रिपोर्ट तो दर्ज होगी ही, परंतु गिरफ्तार व्यक्ति को भी अपने स्थिति बताने का पूर्ण अधिकार होगा। अब राजद्रोह को बदलकर देशद्रोह कर दिया गया है। नए कानूनी प्रावधानों में चैन स्नैचिंग, मॉब लिंचिंग, संगठित अपराध तथा आतंकवाद को भी जोड़ा गया है। पूर्णिया के महिला थाना में भी महिला थाना अध्यक्ष के निर्देशन में जागरूकता अभियान चलाया गया। महिला अधिकारों एवं बच्चों के अधिकार में कानूनी क्या-क्या बदलाव आए हैं? और आप कैसे कानून के द्वारा अपनी समस्याओं को पुलिस के साथ मिलकर आसानी से सुलझा सकते हैं? यह वहां आए स्थानीय महिलाओं एवं अन्य लोगों को बताया गया।