हाथरस, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को एक भीषण त्रासदी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। स्थानीय रूप से ‘भोले बाबा’ के नाम से प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग कार्यक्रम में मची भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई। घटना के विवरण के अनुसार, हजारों श्रद्धालु भोले बाबा का प्रवचन सुनने के लिए एकत्र हुए थे। अचानक मची भगदड़ में लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे, जिसके परिणामस्वरूप यह बड़ी त्रासदी घटी। स्थानीय अस्पतालों के बाहर शवों के ढेर लग गए, जबकि कई घायलों को उपचार के लिए भर्ती कराया गया। घटना के तुरंत बाद ‘भोले बाबा’ फरार हो गए। उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनकी तलाश तेज कर दी है। मैनपुरी जिले में स्थित उनके आश्रम, राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन वे वहां नहीं मिले। पुलिस ने इस मामले में मुख्य सेवादार देव प्रकाश और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
हालांकि, कई लोग इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि FIR में ‘भोले बाबा’ का नाम क्यों शामिल नहीं किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की गहन जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के उचित इलाज का आश्वासन दिया है। इस बीच, आगरा प्रशासन ने सावधानी बरतते हुए 4 जुलाई को होने वाले भोले बाबा के एक अन्य सत्संग कार्यक्रम पर रोक लगा दी है। यह दुर्घटना बड़े पैमाने पर धार्मिक समारोहों में जनसमूह प्रबंधन और सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर करती है। स्थानीय प्रशासन और आयोजकों की लापरवाही पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। पीड़ित परिवारों और आम जनता की ओर से घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सभी मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। अधिकारी घटना की जांच में जुटे हैं और आने वाले दिनों में अधिक जानकारी सामने आने की उम्मीद है।
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