- रेफरल अस्पताल में महिला ने एक नहीं, बल्कि तीन-तीन स्वस्थ्य बच्चों को जन्म दिया
- चिकित्सा प्रभारी डॉ नीरज कुमार सहित दो ए एन एम के अथक प्रयास से महिला का प्रसव सुरक्षित कराने में सफल रहे
- तीनों बच्चे पुत्र हैं तथा तीनों स्वस्थ्य हैं, उनका वजन भी प्रथम 1530 ग्राम, दूसरा 1295 ग्राम एवं तीसरे बच्चे का वजन 1575 ग्राम रहा, जज्जा भी पूरी तरह से सुरक्षित है
- महिला ने अपने दूसरे प्रसव के दौरान एकसाथ तीन बच्चों को जनम दिया
- सभी ने मिलकर बच्चों का नामकरण भी ब्रहमा, विष्णु एवं महेश के नाम से किया
पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: कहते हैं भगवान किसी को देते हैं तो छप्पर फाडकर देते हैं और यह कहावत आझोकोपा गांव के दंपत्ति संजीत यादव एवं कुमकुम कुमारी के आंगन में यह कहावत चरितार्थ हुई है। मामला यह है कि 16 जून को प्रसव दर्द होने की स्थिति में कुमकुम कुमारी को रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया। मौके पर मौजूद एएनएम प्रणिता कुमारी एवं इंदू सिंहा को लग गया था कि महिला के पेट में एक से ज्यादा बच्चे हैं। मेडिकल टीम पूरी तैयारी के साथ सतर्कता बरत रही थी। इस तरह के मामले कभी-कभी आते हैं, जिससे काफी परेशानियों से गुजरना पडता है। फिर इस अस्पताल में सिमित संसाधन के कारण स्वास्थ्यकर्मियों को काफी परेशानी के साथ-साथ संसाधन के अभाव में कोई अनहोनी होने पर स्थानीय लोग इनके साथ बुरा बर्ताव करने से नहीं चूकते हैं। रात लगभग 12 बजे अचानक महिला का प्रसव शुरू हुआ तथा महिला ने पहले बच्चे को सुबह लगभग 5.30 बजे जन्म दिया, जो पुत्र था। जैसा कि पुरूष प्रधान समाज होने के कारण, दो साल पहले प्रसव में बेटी हुई थी तथा स्वजनों को अब पुत्र की चाहत थी। स्वजनों ने जैसे ही सुना कि पुत्र हुआ है, वे खुशी से झूम उठे। फिर थोडी देर बाद एक और बच्चे ने जन्म लिया, वह भी पुत्र था, फिर थोडी देर में एक और बच्चे ने जन्म लिया, वह भी पुत्र था।
तीन-तीन पुत्र एक साथ जन्म लेने से एकओर जहां स्वजनों में खुशियों की बाढ आ गई थी, वहीं तीन-तीन स्वस्थ्य बच्चों को जन्म देने के बाद सिर्फ महिला ही पूरी तरह से स्वस्थ्य नहीं थी, बल्कि उसके तीनों बच्चे भी पूरी तरह से स्वस्थ्य थे। यह देख यहां के सभी स्वास्थ्यकर्मियों में भी काफी खुशियां व्याप्त थी। मौके पर आशा कार्यकर्त्ता फूलन देवी ने बताया कि महिला आझोकोपा गांव के छठू यादव की बेटी है, जो मैके में ही रहकर बच्चे को जन्म देना चाहती थी। स्वजन अस्पताल नहीं ले जाना चाहते थे तथा वे पारंपरिक तरीके से घर में ही प्रसव करवाना चाहते थे, परंतु उनकी जिद एवं जागरूकता के आगे उनकी एक नहीं चली तथा वह उसे अस्पताल लेकर चली गई। संयोग था कि वह अस्पताल पहूंच गई, अन्यथा तीन-तीन बच्चे के साथ घर में कुछ भी हो सकता था। इस अवसर पर मौके पर मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों सहित स्वजनों, शुभचिंतकों ने तीनों को ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश के नाम से नामाकरण भी किया तथा बधाई भी दी। मौके पर मुखिया कैलाश जायसवाल, सुनील यादव सहित सभी लोगों ने स्वजनों को बधाई देने के साथ-साथ सकुशल प्रसव कराने में सहयोग करनेवाले सभी स्वास्थ्यकर्मियों को भी बधाई दी है।
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