पूर्णिया,अभय कुमार सिंह : 10 जुलाई को होनेवाले रूपौली विधानसभा का चुनाव जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती चली जा रही है, सभी पार्टियों के लोग कमर कसने लगे हैं तथा इस सीट को अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बनाते चले जा रहे हैं । वहीं नवनिर्वाचित सांसद पप्पू यादव तुरूप का पत्ता कब खोलेंगे तथा वह पत्ता किसके हाथ होगा, यह समय ही बताएगा । यद्यपि पिछले लोकसभा चुनाव में सांसद पप्पू यादव को रूपौली विधानसभा क्षेत्र में बढत कम मिली थी । यह बता दें कि रूपौली विधानसभा क्षेत्र से लगातार विधायक बननेवाली बीमा भारती, लोकसभा चुनाव के दौरान अपने विधायक पद से इस्तिफा दे दिया था, इसी से यह क्षेत्र खाली हो गया था तथा इसका उपचुनाव होने जा रहा है । इस उपचुनाव में राजग गठबंधन से जदयू ने कलाधर मंडल, महागठबंधन से राजद ने पूर्व विधायक बीमा भारती को अपना प्रत्याशी बनाया है । जबकि लोजपा के पूर्व विधायक शंकर सिंह लोजपा से त्यागपत्र देकर निर्दलीय चुनाव लड़ने उतरे हैं । इनके अलावा अन्य नौ प्रत्याशी भी अपने-अपने भाग्य को आजमाने जा रहे हैं । अबतक तीन प्रत्याशियों की ही चर्चा आम है तथा बताया जाता है कि त्रिकोणात्मक संघर्ष ही होगा । राजद प्रत्याशी पूर्व विधायक बीमा भारती को अपने महागठबंधन के कार्यकर्ताओं पर भरोसा है, तो जदयू प्रत्याशी कलाधर मंडल को राजग गठबंधन के कार्यकर्ताओं का सहारा है, जबकि पूर्व विधायक शंकर सिंह को इस क्षेत्र में पिछले 24 सालों तक निरंतर सेवा करने के रूप में आमलोगों का सहारा है ।
सच पूछा जाए तो सभी ने इस उपचुनाव को अपनी-अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ रखा है तथा यह चुनाव ही 2025 में होनेवाले विधानसभा चुनाव का भी निर्णय देनेवाला है । जदयू प्रत्याशी की जीत के लिए स्थानीय मंत्री लेसी सिंह, राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल, पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा सहित अनेक मंत्रियों के लगातार दौरे हो रहे हैं । इधर नवनिर्वाचित सांसद पप्पू यादव, जिन पर आज भी एमवाई को भरोसा है, बताया जा रहा है कि वे अपना तुरूप का पत्ता अंतिम समय में खोलेंगे । यद्यपि एमवाई भी इसबार असमंजस की स्थिति में हैं, वह किसके साथ जाएं । संभावना है कि उनका मत भी छिन्न-भिन्न न हो जाए । क्योंकि लोकसभा चुनाव में सांसद पप्पू यादव को हराने के लिए राजद ने बीमा भारती को खडा किया था, इससे एमवाई तेजस्वी यादव से काफी नाराज थे तथा वे तेजस्वी यादव को हासिए पर रखकर, पप्पू यादव को खुलकर मदद किया था । वैसे संभावना है कि तेजस्वी के केम्प करने के बाद, वे बीमा भारती से नाता जोड़ लें । संभावना यह भी है कि हमेशा ही लोगों की सेवा भावना से हर जाति-धर्म के साथ रहनेवाले पूर्व विधायक शंकर सिंह के ही पाले में चले जाएं । राजग गठबंधन से उनकी दूरी हमेशा ही देखी गई है । वैसे कहा जाता है कि राजनीति में स्थिरता नहीं होती है, कब कौन कहां चला जाएगा, कहना मुश्किल है, संभावना यह भी है कि वक्त परिस्थिति के अनुसार राजग से भी जुड़ जाएं । कुल मिलाकर यहां पहली नजर में त्रिकोणात्मक संघर्ष होने की उम्मीद है, देखें समय के साथ उंट किस करवट बैठता है तथा रूपौली का ताज किसके सिर पर होता है ।
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