SAHARSA NEWS सहरसा,अजय कुमार : मां उग्रतारा शक्तिपीठ महिषी में 28-30 जनवरी को आयोजित होने वाले तीन दिवसीय श्री उग्रतारा सांस्कृतिक महोत्सव 2024 द्वारा मिति 29 और 30 दिसम्बर को संपन्न होनेवाली द्विदिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार की तैयारी पूरी कर ली गयी है। सेमिनार एवं वाद विवाद समिति के संयोजक जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सह आयुक्त सचिव मृत्युंजय कुमार ने बताया कि मुख्य अतिथिगण कोशी प्रमंडलीय आयुक्त दिनेश कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक मनोज कुमार, जिलाधिकारी सहरसा वैभव चौधरी, पुलिस अधीक्षक हिमांशु, आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के पूर्व निदेशक डॉ. फणिकांत मिश्र, बीएनएमयू के कुलपति प्रो डॉ विमलेंदु शेखर झा, कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ लक्ष्मी निवास पांडेय एवं पुर्व कुलपति प्रो डॉ शशिनाथ झा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का संयुक्त रूप से उद्घाटन करेंगे एवं वेदपाठी बच्चों द्वारा वेदपाठ होगा। इस अवसर पर शोध आलेखों के संकलन की एक स्मारिका “धरोहर” का भी अनावरण होगा। विषय विशेषज्ञ के रूप में तिलकामांझी विश्वविद्यालय भागलपुर के संस्कृत विभाग के पुर्व प्रोफेसर डॉ तुलाकृष्ण झा, दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से संस्कृत विभाग के डॉ पंकज कुमार मिश्र, बीएचयू से डॉ शंकर कुमार मिश्र, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय देवप्रयाग से डॉ सच्चिदानंद स्नेही, कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय से डॉ. सुरेश्वर झा एवं डॉ यदुवीर स्वरूप ब्रह्मचारी, केन्द्रीय विश्वविद्यालय दक्षिण बिहार से डॉ सुमित कुमार पाठक, मंडन मिश्र की पुस्तक ब्रह्मसिद्धी के टीकाकार डॉ चित्त नारायण पाठक, महावीर मंदिर ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित धर्मायण पत्रिका के संपादक डॉ भवनाथ झा, आर एम कॉलेज के सेवानिवृत्त डॉ. राम चैतन्य धीरज एवं उग्रतारा भारती मंडन संस्कृत कॉलेज महिषी से डॉ आनंददत्त झा को सेमिनार एवं वाद विवाद में अपने आलेख प्रस्तुत करने हेतु आमंत्रित किये गये हैं। आयोजन समिति के कार्यकारी संयोजक डॉ अक्षय कुमार चौधरी ने बताया कि संगोष्ठी का मुख्य विषय मिथिला सांस्कृतिक तत्व विमर्श में उग्रतारा एवं मंडन दर्शन है ।
जिसके उप विषय के रूप में मंडन मिश्र की पुस्तक मीमांशानुक्रमणिका, भावनाविवेक, विधिविवेक, स्पोटसिद्धि, विभ्रमविवेक एवं ब्रह्मसिद्धि और इनके सिद्धांत भावाद्वैतवाद, ज्ञानकर्मसमुच्चवाद एवं प्रसंख्यानवाद, उग्रतारा विषयक तत्व सनातन धर्म और बौद्धधर्म में उग्रतारा, दस महाविद्याओं की देवी उग्रतारा, करुणा की देवी उग्रतारा, वशिष्ठ अराधिता उग्रतारा, उग्रतारा व अक्षोभ्य, पुरातत्व एवं मूर्तिकला में उग्रतारा; एवं मिथिला संस्कृति, ज्ञान, दर्शन, कौलिक परंपरा, शक्तिपूजा, तंत्र एवं पुरातत्व इत्यादि विषयों पर विषय विशेषज्ञ विद्वानों द्वारा अपने आलेख प्रस्तुत किये जाऐंगे। डॉ चौधरी ने बताया कि महिषी में वर्ष 2012 मेंं श्री उग्रतारा सांस्कृतिक महोत्सव प्रारंभ होने के साथ ही हर वर्ष सेमिनार और वाद विवाद कार्यक्रम का आयोजन होता रहा है जिसके द्वारा विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्वान लगातार विदूषी भारती एवं महान मीमांसक मंडन मिश्र के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अपने अन्वेषण कार्य में लगे हुए हैं। जो हर वर्ष अपने अनुसंधान से प्राप्त नये तथ्यों और खोजों पर अकादमिक विमर्श और वाद विवाद प्रस्तुत करते हैं। सेमिनार एवं वाद विवाद के सफलतापूर्वक आयोजन हेतु गठित आयोजन समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी संयोजक जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सह आयुक्त सचिव मृत्युंजय कुमार, कार्यकारी संयोजक डॉ अक्षय कुमार चौधरी, एवं जिला प्रशासन के सदर अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता, आपूर्ति पदाधिकारी, लोक सूचना पदाधिकारी,जिला शिक्षा पदाधिकारी,आर एम कॉलेज सहरसा के प्राचार्य डॉ ललित नारायण मिश्र, एमएलटी कॉलेज सहरसा के प्राचार्य डॉ पवन यादव, आरजेएम कालेज की प्राचार्या प्रो डॉ उषा सिन्हा और एसएनएस आरकेएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ अशोक कुमार, केन्द्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय बरियाही के प्रधानाध्यापक, महिला समाजिक कार्यकर्ता व शोध लेखिका डॉ शांति कुमारी उर्फ शांतिलक्ष्मी चौधरी और श्री उग्रतारा मंदिर न्यास समिति के उपाध्यक्ष प्रमील कुमार मिश्र और न्यास सचिव केशव चौधरी मनोनीत सदस्य हैं।