SAHARSA NEWS : सहरसा/अजय कुमार : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में गुरुवार की रात मनोहर उच्च विद्यालय के प्रांगण में शरद पूर्णिमा उत्सव कार्यक्रम धूमधाम से आयोजित किया गया। मुख्य शिक्षक श्रवण कुमार के संचालन में मुख्य अतिथि के रूप में नगर संचालक इंजीनियर रामेश्वर ठाकुर एवं प्रांत सेवा प्रमुख राजाराम के द्वारा बौद्धिक दिया गया। उन्होंने कहा कि शरद पूर्णिमा की रात्रि में अमृत की वर्षा होती है। जो चांद की व्याप्त किरण से हमें प्राप्त होता है। इसलिए संघ के द्वारा मनाए जाने वाले 6 प्रमुख उत्सव में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि यह आनंद का उत्सव है। साथ ही साथ रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि जयंती भी मनाया जाता है। संघ के द्वारा सामाजिक समरसता के लिए जो समाज की मुख्य धारा से अलग हैं उन्हें अमृत दिलाना संघ का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि आज अनेक विभेदकारी शक्तियां समाज को बांटने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि संघ की स्थापना विजयादशमी के दिन डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार के द्वारा पांच स्वयंसेवकों के साथ नागपुर में शुरुआत की गई। विगत 100 वर्षों में संघ साधना के बाद हिंदू समाज को संगठित करने के लिए लगातार प्रयत्नशील है। इसमें बहुत हद तक कामयाबी भी हासिल हुई है। जिसके कारण आज संपूर्ण समाज संगठित रूप में परलक्षित हो रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा समाज में फैले हुए कुरीति को समाप्त करवाया वही आदिवासी क्षेत्रों में संघ ने सेवा प्रकल्प के माध्यम से धर्मान्तरण को रोका। उन्होंने कहा कि संघ की शाखा से निकले स्वयंसेवक ही आज देश को नई दिशा दे रहे हैं।
जिसके कारण अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति तथा एकात्मक मानववाद के सिद्धांत पर चलकर समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को हक एवं अधिकार दिलाया जा रहा है। समाज विकास के सभी क्षेत्रों में संघ के स्वयसेवक अग्रगण्य भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा देश अगर जाति में बंटा रहता तो मीरा के गुरु संंत रविदास नहीं होते। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रामायण नहीं पढ़ी जाती। वही महर्षि वेदव्यास द्वारा लिखित पुराण उपनिषद का पठन नहीं होता। जब-जब समाज में जाति का विवाद उत्पन्न हुआ तब तब उसे जाति में जन्म लेकर पवित्र आत्माओं ने समाज को एकीकृत किया।उन्होंने कहा कि संघ के द्वारा कुटुंब प्रबोधन पर्यावरण संरक्षण धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों का संवर्धन तथा धर्मांतरण को रोकने के लिए अनवरत प्रयास किये जा रहे हैं। देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में जहां संघ के प्रचारकों की अपहरण एवं हत्या होने के बावजूद संघ के स्वयंसेवकों ने निरंतर कार्य को प्रगति दी। आज शरद पूर्णिमा के अवसर पर हम सभी सेवक अमृत पानकर समाज के अंतिम पायदान पर खड़े समाज को संगठित कर इस राष्ट्र को परम वैभव के शिखर पर ले जाने का समुचित प्रयास चल रहा है। इस मौके पर सामूहिक गीत एकल गीत सुभाषित अमृत वचन तथा प्रार्थना के पश्चात खीर रुपी अमृत का वितरण किया गया।इस मौके पर डॉक्टर मुरलीधर साह, विजय गुप्ता, उदाहरण भगत, गणेश कुमार, सुभाष अग्रवाल, जयशंकर कुमार, रंजीत दास, सागर नन्हे, ज्ञानू ज्ञानेश्वर, मनोज गुप्ता, गौतम भगत, ज्ञान प्रकाश, दत्त, मनीष, सौरभ,शशिशेखर सम्राट,जयंत कुमार,एवं विभाग प्रचारक सुमित कुमार सहित अन्य मौजूद रहे।