सहरसा/अजय कुमार : जिले के योग शिविर साधना स्थल खजुरी अंचल सिमरी बख्तियारपुर में योग प्राणायाम संचालित किया गया। प्रचंड गर्मी और लू को देखते हुए आज शिविर में गर्मी को दूर करने वाला खासकर शीतली प्राणायाम का अभ्यास सभी साधक को कराया गया।चिकित्सा के क्रम में कटि स्नान भी अत्यधिक गर्मी के कारण लोग बेहोश होकर गिर जाते हैं। मूर्छित होकर बेचैनी बढ़ जाती है। नींद नहीं आती है। बाहर कड़ी धूप में निकलना मुश्किल हो रहा है।
वही ब्लडप्रेशर बढ़ रहा है तो तत्काल योग चिकित्सक से परामर्श लें अन्यथा काफी हानि होने की संभावना बढ जाती है।शीतली प्राणायाम गर्मी से राहत हीं नहीं बल्कि गर्मी से होनेवाली शारीरिक परेशानी से भी बचाती है। जैसे चक्कर आना अत्यधिक तनाव दिल का दोरा,घबराहट,उच्च रक्तचाप एकाएक असामान्य हो जाना इसके लिए हमें शीतली प्राणायाम का अभ्यास नीयमीत करना चाहिए।यह प्राणायाम खासकर गर्म मौसम में हीं लाभकारी है सर्दी में नहीं।
अभ्यास करने की विधि सुखासन, पद्मासन (कमलासन) या सिद्धासन में बैठकर चिन मुद्रा लगाके दोनो हाथ दोनों घुटने पर रखें शरीर कमर से गर्दन को सिधी कर लें जीभ को अधिक से अधिक बाहर निकालें। जिह्वा को इस तरह दोनों किनारे से मोरे कीप नूमा ताकि सहजता से हवा अंदर जा सकेे।तैयार हो जाऐ आहिस्ते-आहिस्ते श्वास अंदर लें। और होठों को बंद कर लें सांस लेते समय ठंढे़पन का महसूस करें। फिर अंगूठा से नाक के दाएं भाग को दबाए बांए पोरा से सांस को बाहर निकाल दें। यह एक चक्र हुआ।
इस प्रकार से 15 से 20 चक्र करने पर शरीर धीरे-धीरे शीतल होने लगेगा। शरीर में ठंडापन महसूस होगा। नियमित अभ्यास कर रहे हैं तो इसकी संख्या 15 से 30 40 बार तक भी कर सकते हैं। शरीर मन मस्तिष्क धीरे धीरे शीतल हो जाता है मन आनंदित हो जाता है।संपूर्ण शरीर में प्राणों का प्रवाह विधि वत पूर्व की भांति चलने लगता है।
साथ ही श्री प्रभाकर ने कहा कि सावधानी इसका अभ्यास निश्चित रूप से स्वच्छ वातावरण में ही करें थायराइड टॉन्सिल अस्थमा गले संबंधित रोग पूर्व से हो तो योग चिकित्सक से परामर्श लेकर ही अभ्यास करें। बाजार के भोजन तली भूनी चीजों से परहेज करें देररात्रि के भोजन को बिल्कुल बंद कर दें और रात्रि को हल्का भोजन लें।
तभी स्वस्थ रह पाएंगे।इस समय सुबह जब घर से निकले तो कुछ न कुछ खाकर हीं निकलें। इस शिविर में जय नारायण मिश्र,फौजी ललित, पप्पू मिश्रा, पशु चिकित्सक बुलबुल झा,दैत्य गुरु पंकज ओझा, राज नंदिनी अंजलि मुश्किल रिचा सदाशिव ठाकुर आजाद,ज्योति शान्डिल्य प्रेम जी लूटी झा गोनू झा सहित अन्य मौजूद थे।