पूर्णिया/रूपौली/ अभय कुमार सिंह : हो बाबू सबकुछ खतम हो गेलै हो, हमरो जिंदगी केना के कटतै हो । उक्त विलाप कोशकीपुर गांव में नाव दुर्घटना में लापता लालचंद सिंह के स्वजनों की है । उनके विलाप से पूरा गांव गमगीन हो उठा है ।
यह बता दें कि सोमवार को प्रतिदिन की तरह लालचंद सिंह सहित गांव के दस व्यक्ति कुरसेला पुल के पास नदी में मछली पकड़ने गए थे । नदी में महाजाल खींचने के समय तेज हवा के कारण नाव पलट गई थी, जिससे सभी लोग नदी में डूबने लगे थे । इनमें से नौ व्यक्ति को किनारे खडे मछुआरों की टीम द्वारा बचा लिया गया था, परंतु एक हाथ से कमजोर होने के कारण लालचंद सिंह 59 वर्ष पानी के अंदर से निकल नहीं पाए थे, तब से वे लापता हैं ।
यद्यपि एसडीआरएफ की टीम सहित कोशकीपुर गांव के ग्रामीण सभी लोग उनकी खोज में लगे हुए हैं । उनके लापता होने की खबर मात्र से उनकी पत्नी राधा देवी, पुत्र राजेष कुमार, विमल कुमार, किशन कुमार, सुनीता कुमारी, जितनी कुमारी सभी चित्कार कर उठे । पत्नी राधा देवी रोते-रोते बेहोश हो जा रही थी ।
रोते-रोते बोल रही थी कि हो बाबू सबकुछ खत्म हो गैले हो,हमरो जिंदगी केना के कटते हो । एक वही कमानेवाला था । वह बोल कर गए थे कि वे आएंगे, परंतु नहीं आए । सबकुछ खत्म हो गया । उनकी रूलाई से सभी लोगों के आंखों में आंसू थे । देखें लालचंद सिंह मिल पाते हैं या नहीं । इधर मुखिया पवित्री देवी ने सरकार से मांग की है कि वह लालचंद सिंह के परिवार को आर्थिक सहायता दे, ताकि उनके परिवार आर्थिक स्थिति से उबर सकें ।