- बचाव व प्रबंधन पर दिए निर्देश
- चिकन पॉक्स से बच्चे ज्यादा प्रभावित
पटना: बिहार में बढ़ रहे चिकन पॉक्स के मद्देनजर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक प्रो. डॉ अतुल गोयल ने एक एडवाइजरी की है, जिसमें चिकनपॉक्स से बचाव, प्रबंधन व उपचार पर आवश्यक निर्देश दिए हैं । मालूम हो कि वीजेडवी वायरस के कारण पूरे बिहार में चिकनपॉक्स के मामले बढ़े हैं। बिहार में सबसे ज्यादा त्रिवेणीगंज, सुपौल और सहरसा में बच्चे और अन्य उम्रवर्ग के लोग चिकनपॉक्स के शिकार हो रहे हैं। जिसे सामूहिक प्रयास से कम करने को लेकर सभी सरकारी अस्पतालों को जागरूकता फैलाने व उपचार संबंधी निर्देश भी दिए गए हैं।
- छह दिन तक आइसोलेट रहने की सलाह
चिकन पॉक्स हुए बच्चों और व्यक्तियों को चकत्ते आने वाले छह दिनों के आइसोलेशन की सलाह दी गयी है। वहीं उन्हें हाइजीन मेनटेन करते हुए छींकते या खांसते वक्त रूमाल या नैपकीन रखने की सलाह के साथ समय समय पर हाथ धोने की भी सलाह दी गयी है। इसके अलावा चिकन पॉक्स से संक्रमित बच्चों को स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र व डे केयर केंद्रों पर जाने की मनाही की गयी है।
- एक माह तक के नवजात हाई रिस्क में
जारी एडवाइजरी में बताया गया है कि चिकनपॉक्स से एडल्ट, गर्भवती महिलाएं, बूढ़े, कमजोर इम्युनिटी व एक माह तक के नवजातों को चिकनपॉक्स का खतरा ज्यादा हैै। अगर किसी में चिकनपॉक्स के लक्षण आते हैं तो वह सीधे अपने हेल्थ फैसिलीअी, एएनएम या आशा से संपर्क करेंगे। इसके अलावा एडवाइजरी में चिकित्सकीय सलाह के रूप में बच्चो को एस्प्रीन नहीं देने की सलाह दी गयी है वहीं कुछ नन एस्प्रीन समूह की दवाएं जैसे एसीटामीनोफेन चिकित्सकीय सलाह पर देने की सलाह दी है। इसके अलावे चिकन पॉक्स हुए लोगों को रेस्ट और पर्याप्त पानी पीने की सलाह दी गयी है।
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