पूर्णिया: विकसित भारत अंतर्गत भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णियाँ में अध्यनरत कृषि छात्र/छात्राओं के व्यक्तित्व विकास हेतु राष्ट्रीय युवा सप्ताह की समापन समारोह का आयोजन महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ॰ पंकज कुमार यादव की देखरेख एवं भारतीय स्टेट बैंक शाखा रामबाग, पूर्णियाँ के तकनीकी सहयोग से वित्तीय साक्षरता के तहत कार्यक्रम करके स्नातक कृषि सत्र 2023-24 बैच के 57 छात्र-छात्राओं को ऑनलाईन खाता खोलने हेतु किया गया जागरूक। इस कार्यक्रम का तकनीकी सहयोग भारतीय स्टेट बैंक रामबाग, पूर्णियाँ शाखा से प्राप्त हुआ, जिसमें वित्तीय साक्षरता शिविर के माध्यम से सत्र 2023-24 के नवागांतुक सभी छा़त्र-छात्राओं को ऑनलाईन खाता खोलने हेतु जागरूक किया गया। इस कार्यक्रम में सबसे पहले भारतीय स्टेट बैंक पूर्णियाँ रामबाग शाखा के शाखा प्रबंधक अक्षय कुमार ने उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं को नेट बैंकिंग, मोबाईल बैंकिंग के साथ साथ यूनो एैप्प के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान किया। छा़त्र-छत्राओं के बैंक एकाउण्ट खाते खोलने के लिए सभी नवागांतुक छा़त्र-छात्राओं को मोबाईल फोन पर ऑनलाईन फार्म भराया गया। जिन छात्र-छात्राओं का खाता पहले से भारतीय स्टेट बैंक में था उन सभी के मोबाईल में यूनो एैप्प इन्सटॉल करवाये। इंटरनेट के जरिए नागरिकों को सरकारी सुविधाओं का लाभ सुगमता पूर्वक जल्द से जल्द मुहैया कराए जा सकते हैं। जिन्होंने यूरोप और अमेरिका के विकसित जगत को देखा है उनके लिए सरकार की डिजिटल इंडिया की परिकल्पना समझ के अनुकूल हो सकती है। लेकिन डिजिटल साक्षरता से जो अछूते हैं उनके लिए डिजिटल इंडिया के जरिए ग्रामीण भारत मेें आने वाली सूचना क्रांति की आंधी का अनुमान लगाना आसान नहीं है।
कैशलेस व्यवस्था लागू करने के लिए जरुरी नहीं कि किसी व्यक्ति के पास क्रेडिट, डेबिट कार्ड के अलावा बिटकाइन जैसी आभासी करेंसी ही हो, बल्कि इसके कई अन्य तरीके हैं जिसमें न तो बैंक जाने की जरुरत है, न ए. टी. एम. की खोज-बीन करने की। अब तो कई बैंकिंग और आर्थिक लेन-देन वाली सेवाएं हमारे मोबाईल और कम्प्युटर से जुड़ गई हैं। जिनसे कभी भी और कहीं भी सेवा या सामान की खरीददारी हो सकती है। ऐसा ही एक तरीका ई-वॉलेट यानी इलेक्ट्रॉनिक बटुआ, जिसकी मदद से खरीददारी करते वक्त रुपये-पैसे का भुगतान किया जा सकता है। इस अवसर पर वित्तीय साक्षरता अभियान कार्यक्रम को विकसित भारत @ 2047 अभियान से जोडते हुए डा॰ पंकज कुमार यादव द्वारा सभी छात्र-छात्राओं को पॉस मशीन के बारे में जानकारी दी गयी। तथा बताया कि आप सभी छात्र-छात्राओं से प्रवेश शुल्क कैश या नकद के रूप में न होकर कैस लेस के रूप में प्राप्त किया गया। जिसका भुगतान आप सभी के द्वारा पॉस मशीन के माध्यम से प्रवेश के समय किया गया है। इस प्रकार वर्ष 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र के रूप में विष्व पटल पर अपने को स्थापित कर पाएगा। डॉ जर्नादन प्रसाद अपने सम्बोधन में बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारत के गा्रमीण और शहरी क्षेत्रों के युवाओ कोे डिजिटल दुनिया से कनेक्ट करना है क्योकि समय के साथ विकास के लिए तकनिकि ज्ञान से सक्षम होना अत्यंत आवश्यक है, विकसित भारत @2047 का सपना साकार हो सके। वही इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के वैज्ञानिक डा॰ जनार्दन प्रसाद, डा॰ पंकज कुमार यादव, डा॰ रूबी साहा, डा॰ विकास कुमार, डा॰ सूरज प्रकाश, डा॰ अभिनव कुमार, डा॰ एन के शर्मा, डा॰ पंकज कुमार मंडल, डा॰ शफी अफरोज, डा॰ आशुतोष चौरसिया, डा॰ जाकिर हुसैन के साथ साथ कर्मचारियों में कैलाश मंडल उपस्थित थे।