हर ओर से बहस के दौरान ही अपनी कुर्सी बचाने की लगी होड, अगर चुनाव होता है तब संभावित प्रत्याशियों को जीत दर्ज करवाने के लिए मिलने लगा तथाकथित ठेकेदारों का न्यौता
पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: प्रखंड में 6 जनवरी को प्रमुख एवं उपप्रमुख के खिलाफ अविश्वास लाए जाने के बाद, अब यहां लोगों को वहस की तिथि पर नजर टिकी हुई है। अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के बाद ही इसमें क्या कुछ होगा, देखना बाकी है। फिलवक्त इन पदों को बचाने के लिए दोनों प्रमुख-उपप्रमुख अविश्वास प्रस्ताव को अपने पक्ष में करने को ले जूट गए हैं। साथ ही अगर बहस के बाद दोनों की कुर्सी जाती है तथा चुनाव की संभावना होती है, तब भी संभावित प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए अपनी तैयारी में भी लग गए हैं तथा सभी पंचायत समितियों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। साथ ही किसी को जीताने, किसी को हराने का ठेका लेनेवाले तथाकथित ठेकेदार भी सक्रिय हो गए हैं। इसमें हमेशा ही घात-प्रतिघात के साथ-साथ विश्वास-अविश्वास का खेल भी हमेशा देखा गया है। यह बता दें कि यहां के प्रमुख एवं उपप्रमुख के खिलाफ 6 जनवरी को 9 पंचायत समिति सदस्यों ने बीडीओ सह कार्यपालक पदाधिकारी को आवेदन सौंपा था, तभी से यहां सरगर्मी तेज हो गई है, लोगों को इस पर बहस का इंतजार है। अगर चुनाव होता है तब अभी प्रमुख पद के लिए संभावित प्रत्याशियों में प्रमुख प्रतिमा देवी, उपप्रमुख मीना देवी एवं पूर्व प्रमुख रेखा देवी के नाम सामने आ रहे हैं। जबकि उपप्रमुख के लिए संभावित प्रत्याशियों में अनंत कुमार झा, राजा कुमार, सुनीता देवी सहित अन्य प्रत्याशी हो सकते हैं। यह भी बता दें कि पिछली बार प्रमुख पद के लिए प्रतिमा कुमारी, मीना कुमारी एवं पूर्व प्रमुख रेखा देवी चुनाव में उतरी थीं। इसमें प्रमिता देवी एवं पूर्व उपप्रमुख की पत्नी मीना देवी को 11-11 मत आने के कारण टॉस हुआ था तथा इसमें प्रतिमा देवी को प्रमुख का ताज मिला था।
फिर जब उपप्रमुख के लिए चुनाव हुआ, तब प्रमुख पद से हारी पूर्व उपप्रमुख की पत्नी मीना देवी ने उपप्रमुख के पद के लिए भी दावेदारी की, यद्यपि इनके अलावा अनंत कुमार झा, राजा कुमार, सुनीता देवी एवं कैलाश मुनि ने अपनी-अपनी दावेदारी दी थी। इसमें मीना देवी को सात, अनंत कुमार झा को सात, राजा कुमार को 7 एवं सुनीता कुमारी को चार मत मिले थे, जबकि पूर्व मुखिया कैलाश मुनि को मात्र अपने मत से संतोष करना पडा था। जिन तीन प्रत्याशियों को सात-सात मत मिले थे, उनके बीच टॉस कराया गया था, इसमें पूर्व प्रमुख अजय कुमार शर्मा की पत्नी मीना देवी के भाग्य का पिटारा खुला था तथा वह उपप्रमुख पद के लिए चुनी गई थीं। उस के घात-प्रतिघात को देख, उस समय ही यह आभास हो चला था कि अगले दो साल बाद निश्चित रूप से दोनां पदों के लिए अविश्वास लगना तय है और ऐसा हुआ भी। तब सभी प्रत्याशियों ने एक-दूसरे के विरूद्ध शर्तां को पूरा करने के बाद भी धोखा देने का आरोप लगाया था। इसबार भी ऐसा ही कुछ दिख रहा है। जिस प्रकार खासकर जीत का ठेका लेनेवाले सक्रिय हो गए हैं, इससे किसके साथ घात होगा, कहना मुश्किल दिख रहा है। मौके पर एक पंचायत समिति सदस्य ने बताया कि यहां के पंचायत समिति सदस्य जाति, वर्ग, व्यक्तित्व, गुटबाजी आदि में सीधा बंटे दिख रहे हैं। कोई किसी पर विश्वास नहीं कर रहा है। सभी सशंकित हैं कि शर्तों को पूरा करने के बाद भी पता नहीं वोट मिलेगा कि नहीं मिलेगा, इसलिए कुछ भी कहना मुश्किल है। अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का लोगों को बेसब्री से इंतजार है। देखें, अगर चुनाव होता है, तब आनेवाले समय में किसके सिर पर प्रमुख एवं उपप्रमुख का ताज होता है। वही इस सम्बन्ध में बीडीओ सह कार्यपालक पदाधिकारी अरविंद कुमार कहते है की आवेदन को स्वीकार कर लिया गया है, बहुत जल्द अविश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन के लिए तिथि निकाली जाएगी।