ARARIA NEWS अररिया/प्रिंस(अन्ना राय) : शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा-आराधना के बाद दशमी तिथि (दशहरा) के दिन मां की विदाई की परंपरा है। आमतौर पर प्रतिमाओं के विसर्जन में ट्रक,ट्राली और ठेलों का प्रयोग होता है, परंतु बिहार के अररिया जिला के फारबिसगंज अनुमंडल के सुल्तान पोखर स्थित दुर्गा मां मंदिर की प्रतिमा के विसर्जन के लिए न तो ट्रक की जरूरत प़डती है और न ही ट्राली की। यहां मां की विदाई के लिए 15 से 20 लोगों के कंधों की जरूरत होती है फारबिसगंज में इस अनोखे दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। बुजुर्ग लोगों का कहना है कि यह परंपरा काफी समय पुरानी है और इस परंपरा को निर्वहन वर्तमान में भी बनाये रखा है। स्थानीय बुजुर्ग बताते हैं कि पुराने जमाने में जब वाहनों का प्रचलन नहीं था तब लोग बेटियों की विदाई डोली पर ही किया करते थे, संभवत: इसी कारण यहां दुर्गा मां की विदाई के लिए इस तरीके को अपनाया गया होगा, जो अब यहां परंपरा बन गई है। मां की प्रतिमा के विसर्जन की तैयारी यहां काफी पहले से शुरू हो जाती है। विसर्जन के दौरान हजारों लोग यहां इकटे होते हैं और मां के जयकारे से पूरा शहर गुंजायमान रहता है। विसर्जन से पूर्व यहां प्रतिमा को पूरे शहर में भ्रमण करवाया जाता है। इस दौरान चौक-चौराहों पर प्रतिमा की विधिवत पूजा-अर्चना भी होती है।दुर्गा प्रतिमा के आगे-आगे अख़ाडा पार्टी के कलाकार चलते हैं, जो ढोल और नग़ाडे की थाप पर तरह-तरह की कलाबाजियां दिखाते रहते हैं। इसके बाद प्रतिमा विसर्जन स्थल पहुंचती है, जहां उसे विसर्जित कर मां को विदाई दी जाती है। विदाई यात्रा के दौरान बीच-बीच में मां के भक्त डोली को कंधा देकर अपने को धन्य समझते हैं। दुर्गा मां की विदाई के समय भक्तों की आंखें नम रहती हैं, परंतु उन्हें यह उम्मीद भी होती है कि दुर्गा मां अगले साल फिर आएंगी और लोगों के दुख हरेंगी। हर जाति धर्म के लोग भी मां दुर्गा की डोली उठाने में खुद को धन्य समझते हैं।
नम आँखों से दी माँ देवी दुर्गा को विदाई
दुर्गापूजा की समाप्ति पर शनिवार को नम आंखों से भगवती की विदाई दी गयी। श्रद्धालुओं ने प्रतिमाओं के साथ जुलूस निकालकर देवी दुर्गा के जयकारे के नारे लगाये। प्रतिमाओं को विभिन्न नदियों में प्रवाहित कर दिया गया। प्रतिमा विसर्जन को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा पुलिस बल तथा दंडाधिकारियों की तैनाती की गयी। जुलूस तथा विसर्जन के दौरान कोई भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। शहर के सुभाष चौक स्थित सीताधार जल में विसर्जन स्थल पर प्रशासन द्वारा प्रतिमाओं के विसर्जन की व्यवस्था की गयी थी। प्रतिमा विसर्जन को देखने के लिए शनिवार को यहां बड़ी संख्या में महिला, बच्चे, पुरूष श्रद्धालु पहुंचे हुए थे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुभाष चौक स्थित प्रतिमा विसर्जन स्थल पर काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी। इसके अलावा स्थानीय सुल्तान पोखर सहित आसपास के नहरों तथा तालाबों में ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।
इससे पहले दुर्गापूजा स्थलों पर महिलाओं ने अश्रुपूर्ण आंखों से देवी दुर्गा को विदाई दी। जबकि ढोल नगाड़े तथा डीजे की धुन पर जुलूस में शामिल युवाओं की टोली थिरकते नजर आये। सुभाष चौक स्थित प्रतिमा विसर्जन स्थल पर फारबिसगंज में अनुमंडल पदाधिकारी शैलजा पांडेय ,अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मुकेश कुमार साहा , विधायक मंचन केसरी, थाना प्रभारी राघवेंद्र सिंह, बीडीओ,कार्यपालक पदाधिकारी, मुख्य पार्षद वीणा देवी ,उप मुख्य पार्षद नूतन भारती,प्रवीण कुमार, सुनील मिश्रा,मनोज झा, रजत सिंह, चाँदनी सिंह, मूलचंद गोलछा ,संजय कुमार,बुलबुल यादव, वाहिद अंसारी, ताहिर अंसारी एवं अन्य मौजूद थे।