नई दिल्ली: One Nation One Election सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में ही ‘एक देश, एक चुनाव’ की नीति को लागू करने की योजना बना रही है। एनडीए में शामिल सभी राजनीतिक दलों, विशेषकर केंद्र सरकार के सहयोगियों से इस विधेयक का समर्थन करने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से दिए गए अपने संबोधन में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की आवश्यकता पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि बार-बार होने वाले चुनाव देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।
इससे पहले मार्च में, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इस 18,626 पृष्ठों की रिपोर्ट में 47 राजनीतिक दलों के विचार शामिल किए गए थे, जिनमें से 32 दल ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के समर्थन में थे। विधि आयोग 2029 से लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश कर सकता है। इसके साथ ही, अविश्वास प्रस्ताव या अनिश्चितकालीन बहुमत की स्थिति में एकता सरकार के प्रावधान की भी सिफारिश हो सकती है।