पटना : सरकार तथा हाईकोर्ट के ऑर्डर के बाद बिना जमाबंदी के जमीन रजिस्ट्री होना रुक गया है। रजिस्ट्री ऑफिस में वीरानी छाई है । जमाबंदी नियम लागू होने के बाद से सरकार और आम जनता दोनों सकते में है ।आम जनता की जरूरत के काम नहीं हो पा रहे हैं और सरकार को राजस्व आना लगभग बंद होने लगा है जो रजिस्ट्री के बाद आता था। किसी के घर के शादी रुक गई है तो किसी का मकान बनना रुक गया। कोई तिलक के लिए जमीन बेच रहा था कोई स्कूल और कॉलेज में डोनेशन देने के लिए।
लोगों का कहना है की जमीन बेचने वाले लोग अक्सर मजबूरी में अपनी जमीन बेचते हैं और उसी पर सरकार ने रोक लगा दिया है। जमीन बेचना किसी का शौक नहीं होता बल्कि उसकी मजबूरी और बेबसी होती है। उसी मजबूरी और बेबसी का एकमात्र उपाय जो ईश्वर के रूप में प्राप्त होता था उसे एक हिटलरी ऑर्डर पास करके हमारे जीने के अधिकार पर बंधन लगा दिया गया है।
सरकारी कर्मचारियों की माने तो जमाबंदी के नए नियम के लागू होने के बाद से लगभग रजिस्ट्री होना बंद हो गया है। दो चार पांच रजिस्ट्री हो रहा है जिनका जमाबंदी है। बहुत सारे केवाला लिखे हुए हैं जो रद्द हो जाएंगे। पहले लोग आपसी सुलह नाम तथा पंचनामा एवं पंचायत सचिव, वार्ड कमिश्नर अथवा मुखिया से वंशावली बनाकर अपनी जमीन की रजिस्ट्री किसी और को बेचने के लिए कर देते थे। परंतु अब जमाबंदी के लिए ब्लॉक और प्रखंड का चक्कर लगाना होगा आपसी बटवारा करने के कारण घर में लड़ाई होगी सो अलग।
पटना हाई कोर्ट ने एक ऑर्डर 9-2- 2024 को पास किया जिसमें स्पष्ट आर्डर दिया गया की बिल्डिंग अपार्टमेंट को छोड़कर किसी भी जमीन को बेचने से पहले उनके नाम से उनका जमाबंदी होना आवश्यक है अन्यथा किसी जमीन की रजिस्ट्री नहीं होगी। फिर बाद में पटना सचिवालय से एक पत्र जारी हुआ कि कोर्ट के आदेश को मानते हुए इन सब नियमों को माना जाए उसके बाद ही रजिस्ट्री किया जाए। इसके बाद तो मानो कोलाहल मच गया।
विद्वानों की माने तो होना तो यह चाहिए था कि पहले लोगों को सूचना जारी होती कि ऐसा नियम लागू होने वाला है पहले आप लोग प्रखंड और ब्लॉक में जाकर अपना जमाबंदी करवा ले । सीओ, कर्मचारी,सीआई तथा सरकारी अमीनो को ऑर्डर किया जाता कि आप लोग सभी का जमाबंदी ठीक करें उसके बाद रजिस्ट्री पर रोक लगाई जाती परंतु अचानक ऐसा ऑर्डर पास कर देने के बाद लोगों का जीवन पर बड़ा दुष्प्रभाव दे गया है। आवश्यक है की सरकारी अमलों को जमाबंदी के लिए किसी भी रूप में समाज के बीच जाकर उनका जमाबंदी दर्ज करें उसके बाद रजिस्ट्री पर रोक लगाई जाए।