पूर्णिया: PURNIA NEWS पूर्णिया कॉलेज के संस्कृत विभाग में वाल्मीकि जयंती के अवसर पर ‘वर्तमान काल में वाल्मीकीय रामायण की प्रासंगिकता’ विषय पर एक विद्वत्गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. डॉ. शंभु वर्मा ने की। विभागाध्यक्ष डॉ. सविता ओझा ने विषय का प्रवर्तन करते हुए कहा कि वाल्मीकीय रामायण धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष का आधार स्तंभ है। मुख्य अतिथि डॉ. मिथिलेश मिश्रा ने रामायण के 24000 श्लोकों में निहित गायत्री की अलौकिक शक्ति पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के प्राध्यापकों ने रामायण की प्रासंगिकता पर अपने विचार रखे। प्रो. तुहिना विजय ने राम को भारतीय चेतना का मेरुदंड बताया। डॉ. अंकिता विश्वकर्मा ने रामायण और रामचरितमानस की तुलनात्मक व्याख्या प्रस्तुत की। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना और कुलगीत से हुआ, जिसमें विभाग के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। डॉ. निरुपमा राय ने कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के प्राध्यापक और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।