- तीनटंगा की घटना को पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई नहीं की होती तो एकऔर रिश्ता कलंकित हो गया होता
- तीनटंगा गांव में सहोदर चाचा ने भतीजे की हत्या की सुपारी दी थी, पोल खुलने से घटना होते-होते बची
पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: अब समाज में व्यक्तिगत स्वार्थ इतना हावी होने लगा है कि रिश्तों में गरमाहट के बदले, उनमें खून की प्यास जगने लगी है। खासकर जमीन विवाद तथा अपने भाई-भतीजे की जमीन को हडपने की लालसा, रिश्तों में कडवाहट पैदा करते चला जा रहा है। अब तो जमीन की कीमत देखकर ही पंचायतें या फिर पुलिस भी कार्रवायी करने को तैयार होती है। इस तरह का ताजा मामला तीनटंगा गांव में देखने को मिला है, जहां खून का रिश्ता ग्रामीणां एवं पुलिस की तत्परता से तार-तार होते-होते बचा है। इस मामले में चाचा ने 8 वर्षीय भतीजे की हत्या करने के लिए तीन गांव के ही नाबालिगों को दो देशी कट्टा एवं पांच जिंदा कारतूस मुहैया करवाया था तथा उन्हें 14 हजार में सुपारी दी थी तथा उन्हें 3500 रूपये अगिम भी कर दिये थे। चाचा अतिम मंडल कैसे इतना कू्रर स्वभाव का हो गया, यह गांव वाले भी नहीं समझ पा रहे हैं। जबकि अमित के तीनों भाईयों के जमीन के झगडे को कई साल पहले ही सुलझा दिये गए थे। यह तो संयोग कहें कि चूकि सुपारी नाबालिगों को दी गई थी, इसलिए बडबोलापन में नाबालिग इस बात को बडे भाई पंकज मंडल को ही बोल गए तथा पोल खुलती चली गई।
तत्काल पंचायत एवं पुलिस के द्वारा त्वरित कार्रवाई से बहुत बडी घटना होते-होते बच गई। पंकज का पुत्र मात्र आठ वर्ष का है, जिसे मारने के लिए नाबालिगों को हथियार सहित हायर किया गया था। पुलिस ने निशानदेही पर चपहरी गांव से दो देशी कट्टा के साथ-साथ पांच कारतूस भी बरामद किये थे। इतना ही नहीं उसने मैंनी गांव से हथियार सप्लायर को भी हिरासत में लिया, जो स्वयं नाबालिग था। इस बात से समझा जा सकता है कि कम उम्र के बच्चे किस प्रकार असामाजिक कार्य में लिपत होते चले जा रहे हैं। सबसे बडी बात कि छोटे-छोटे बच्चों को इस अनैतिक कार्य के लिए इस्तेमाल करना, यह काफी खतरनाक लग रहा है। पंकज मंडल स्वयं बताता है कि उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि उसका छोटा भाई उसके एकलौते पुत्र की हत्या करा सकता है। आखिर किस पर विश्वास किया जाए। दूसरी ओर नशा करनेवाले गिरोह के भी सदस्य 20 वर्ष के निचे हैं, जो ना सिर्फ नशा में लिप्त दिख रहे हैं, बल्कि वे नशा के सामग्रियों को भी बेचते दिख रहे हैं। कुल मिलाकर इस घटना ने सभी लोगों के रोंगटे खडे हो गए हैं। देखें इस तरह के कुकृत्य को समाज एवं पुलिस किस प्रकार रोकने में सफल होते हैं।
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