सहरसा, अजय कुमार: प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार झा और संरक्षक प्रवीण आनंद, रितेश रंजन,निर्मल ठाकुर पूर्व जिला पार्षद,दीना नाथ पटेल,कोशी पीड़ित मुक्ति मोर्चा,गुणेश्वर प्रसाद सिंह कांग्रेस प्रवीण कुमार समाजसेवी ने कहा कि राज्य सरकार और केन्द्र सरकार को यह बताना जरूरी है कि एम्स अस्पताल की जरूरत सहरसा कोशी को है। यह बात सत्य है कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार राज्य और देश हित में शिक्षा, स्वास्थ्य,रोजगार सड़क की आधारभूत संरचना सहित अन्य क्षेत्रों में कई योजनाएं चला रही है।जबकि बिहार का शोक नदी कही जाने वाली कोशी के कारण 2008 के महाप्रलय कुसहा त्रासदी से यह क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ।जिसकी निशानी 15 वर्ष बाद आज भी मौजूद है।वही 15 वर्ष बाद भी सहरसा फारबिसगंज रेल सें सीधा संपर्क बाधित है। कुसहा त्रासदी में बाढ़ पीड़ितों का शरण स्थली केंद्र कोशी प्रमंडल, सहरसा ही था। जहां उत्तर बिहार के लगभग नौ जिले के शरणार्थी टिके थे। सहरसा इन जिलों में सबसे ऊंची भूमि पर अवस्थित है। एम्स के लिए चिह्नित भूमि सहरसा नगर निगम में ऐसी ऊंची भूमि पर अवस्थित है। जो एम्स मानदंड को पूरा करती है एवं समुद्र तल से काफी ऊंचाई पर अवस्थित के साथ हीं प्रमंडलीय मुख्यालय में है।
सहरसा एम्स सभी मानदंड को पूरा करता है। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु सहरसा से भी नियम संगत 200 एकड़ जमीन बिहार सरकार ने मांगा था और जिला प्रशासन ने 217 एकड़ 74 डिसमिल भूमि शहरी क्षेत्र में भूमि चिह्नित कर राज्य सरकार को उपलब्ध करा दिया था। लेकिन सहरसा की भूमि केन्द्र को ना भेजकर एक जीवन प्रदान करने वाली एम्स जैसे उच्च स्वास्थ्य संस्थान को झूठ मूठ कर उलझाकर रखा गया है।वही एम्स निर्माण संघर्ष समिति,कोशी प्रमंडल,सहरसा विगत 8 वर्षों से लगातार माननीय एवं बिहार सरकार को कई बार ज्ञापन दिया गया।लाखों हस्ताक्षर अभियान हुआ। लोकतंत्र में लोकतांत्रिक तरीकों से धरना प्रदर्शन और अनशन किया गया। सहरसा,पटना और दिल्ली तक मांग के समर्थन में धरना प्रदर्शन हुआ।संघर्ष समिति ने कहा कि अगर 30 जुलाई तक राज्य और केंद्र सरकार सहरसा में एम्स हेतु निर्णय नहीं लेती है तो एम्स निर्माण संघर्ष समिति के बैनर तले पूर्व सांसद आनंद मोहन की अगुवाई में सर्वदलीय नेताओं के नेतृत्व में दिनांक 31 जुलाई को सड़क रेल व सरकारी कार्यालय को पूर्ण रूपेण बंद कर प्रदर्शन किया जाएगा। इसकी सारी जवाबदेही सरकार सहित प्रशासन की होगी।
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