पूर्णियाँ, वि० सं० अरुण कुमार सिंह: जमीन विवाद के कारण किए गए दोहरे हत्याकांड मैं दोषी पाए गए 35 अभियुक्तों को आजीवन कारावास एवं विभिन्न धाराओं में मिलाकर प्रत्येक को 13 हजार रूपये आर्थिक दंड की सजा सुनाई गई। अन्य विभिन्न धाराओं में भी अभियुक्तों को दोषी पाए जाने के बाद कारावास की सजा सुनाई गई, परंतु सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी और जेल में अभियुक्तों द्वारा बिताए गए अवधी को सजा की अवधि में समायोजित किया जाएगा। यह सजा पूर्णिया के पंचम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर० आर० सहाय की न्यायालय में सुनाई गई है। सजा पाने वाले सभी अभियुक्त हैं पूर्णिया जिले के के नगर थाना अंतर्गत बेगमपुर नया टोला के रहने वाले: (1) मोहम्मद समसुल (2) मोहम्मद मैनुल (3) ताहिर (4) इनामुल (5) मोहम्मद नजीर (6) मोहम्मद जहीर (7) सुकूदी (8) मुस्तकीम अहमद (9) मोहम्मद मूसा (10) उमर फारूक (11)मोहम्मद तैफूल (12) जहांगीर (13) मोहम्मद सफरुद्दीन (14) मोहम्मद हसन (15) मोहम्मद बकर (16) सुल्तान (17) अफसर (18) अब्दुल समद (19) मोहम्मद रज्जाक (20) हकीम (21) यूसुफ (22) जियाउल हक (23) इब्राहिम (24) मोहम्मद शाहजहां (25) मोहम्मद हुसैन (26) आंसर (27) मोहम्मद अब्दुल रज्जाक (28) मोहम्मद रहीम (29) मोहम्मद आजाद (30) मोहम्मद काजीम (31) इस्लाम (32) सिराज (33) सैबूर रहमान (34) मोहम्मद जलाल और (35) अब्दुल कासिम। यह सजा सत्र वाद संख्या 836/2013 में सुनाई गई है, मामला के० नगर थाना कांड संख्या 39/2013 पर आधारित था। घटना 30 जनवरी 2013 को सुबह 7:00 बजे की है।
थाने में दर्ज मुकदमे के अनुसार पूर्णिया जिले के ग्रा० बेगमपुर, थाना के० नगर निवासी मोहम्मद जाकिर के पिता कमरुद्दीन लकी चौक से चाय पीकर ज्यों अपने घर के दरवाजे पर कदम रखता कि उपरोक्त में से कुछ अभियुक्तों ने मिलकर लाठी, गडंसा, हंसीया, दबिया से मारपीट कर जमीन पर गिरा दिया और ईट पत्थर से मारकर सीने पर पैर रखकर हत्या कर दिया। अभियुक्तों ने घर में आकर लूटपाट भी किया। कमरुद्दीन को सदर अस्पताल ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद उपरोक्त में से कुछ अभियुक्तों ने मोहम्मद जाकिर के चचेरे भाई मुदस्सर आलम को बुरी तरह से मार-पीट कर हत्या कर दिया। पूरे घटना में बीच बचाव करने एवम घायलों को बचाने आए परिजनों एवं अन्य को भी अभियुक्तों ने मार-पीट कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया तथा घर में लूटपाट भी किया। यह मामला सत्र वाद के तहत दर्ज कराई गई थी। इस जघन्य अपराध का मुख्य कारण मृतक की जमीन हड़पना बताया गया है। मूल रूप से इस मामले में कुल 40 अभियुक्त बनाए गए थे, जिनमें से मोहम्मद ऐनुल को नाबालिग होने के कारण किशोर न्याय परिषद से रिहा कर दिया गया था। शेष नामजद अभियुक्त में से मोहम्मद तजमुल, अब्दुल रऊफ, मोहम्मद रहमान, मोहम्मद रफीक की विचारण के दौरान मृत्यु हो चुकी थी। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में कुल 16 गवाहों की गवाही कराई गई। अभिलेख पर उपलब्ध अन्य साक्ष्यों एवं साक्षियों के द्वारा दिए गए गवाह के आधार पर दोषी पाए जाने के बाद सभी 35 अभियुक्तों को उपरोक्त सजा सुनाई गई।
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