माहवारी शर्म की नहीं बल्कि गर्व की बात है। क़ुदरत का है यह वरदान, हम सब मिलकर करेंगे इनका सम्मान जैसे शब्दों के माध्यम से चलाया गया जनजागरूकता अभियान: डीपीओ
पूर्णिया: पूरे बिहार में माहवारी स्वच्छता प्रबंधन कार्यक्रम के तहत मासिक धर्म में स्वच्छता की महत्वपूर्ण भूमिका को लेकर महिला एवं बाल विकास निगम बिहार के द्वारा जारी आवश्यक दिशा-निर्देश के आलोक में जिले के सभी क्षेत्रों में जन जागरूकता अभियान चलाया गया। जिलाधिकारी कुन्दन कुमार ने बताया कि शिक्षा,स्वास्थ्य विभाग, जीविका दीदियों के अलावा बाल विकास परियोजना से जुड़े अधिकारी एवं कर्मियों द्वारा वृहत पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया गया है। जिले में 15 से 24 आयु वर्ग की किशोरियों एवं महिलाओं के बीच साफ सफ़ाई और सुरक्षित तऱीके से माहवारी प्रबंधन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिला, अनुमंडल, प्रखंड सहित सभी स्वास्थ्य संस्थानों में महिलाओं एवं किशोरियों के स्वास्थ्य और आर्थिक कार्यो में सहभागिता के दृष्टिकोण से संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण योगदान को लेकर जागरूकता रैली, बैनर, पोस्टर, पेंटिंग्स के माध्यम से बढ़ चढ़ कर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
![जिले की 51.5% किशोरी एवं महिलाएं मासिक धर्म के दौरान सुरक्षित तरीक़े से अपनाती है स्वच्छ्ता: सिविल सर्जन 51.5% adolescent girls and women of the district adopt safe way of hygiene during menstruation: civil surgeon](http://angindianews.com/wp-content/uploads/2023/05/IMG-20230528-WA0012-e1685283554149-1024x663.jpg)
- जिले की 51.5% किशोरी एवं महिलाएं मासिक धर्म के दौरान सुरक्षित तरीके से अपनाती है स्वच्छता :– सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 के आंकड़ों के अनुसार पूर्णिया जिले में 15 से 24 वर्ष की आयु की 51.5% महिलाएं ही अपने मासिक धर्म के दौरान सुरक्षा के स्वच्छ तरीके का उपयोग करती है। वहीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण 4 के आंकड़ों के अनुसार 15 से 24 वर्ष की 21.0% महिलाएं मासिक धर्म के दौरान सुरक्षा के स्वच्छ तरीके का उपयोग करती थी। अर्थात इन 5 वर्षों के अंदर जिले की महिलाओं एवं किशोरियों में माहवारी स्वच्छता को लेकर पहले की अपेक्षा अधिक जागरूकता बढ़ी है। पहले के जमाने में इस विषय पर कोई भी खुलकर बात नहीं करता था। महिलाओं को अपने शरीर की एक प्राकृतिक क्रिया के बारे में समय से पहले बताया ही नहीं जाता था तो उनके मानसिक रूप से तैयार होने और स्वच्छता बनाए रखने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। हालांकि अब इन तथ्यों पर काफी हद तक लगाम लग चुका है। लेकिन फ़िर भी ग्रामीण परिवेश की महिलाएं मासिक धर्म को लेकर भ्रांतियों में जी रही हैं। जिसको जागरूक करना हम सभी की जिम्मेदारी है।
![जिले की 51.5% किशोरी एवं महिलाएं मासिक धर्म के दौरान सुरक्षित तरीक़े से अपनाती है स्वच्छ्ता: सिविल सर्जन 51.5% adolescent girls and women of the district adopt safe way of hygiene during menstruation: civil surgeon](http://angindianews.com/wp-content/uploads/2023/05/IMG-20230528-WA0011-e1685283524888-1024x640.jpg)
- माहवारी शर्म की नही बल्कि गर्व की बात है। क़ुदरत का है यह वरदान, हम सब मिलकर करेंगे इनका सम्मान जैसे शब्दों के माध्यम से चलाया गया जनजागरूकता अभियान: डीपीओ
आईसीडीएस की डीपीओ रजनी गुप्ता ने बताया कि जिले के सभी प्रखंड मुख्यालयों सहित आंगनबाड़ी केंद्रों में विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस मनाया गया है। जिसमें आंगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा बैनर पोस्टर के अलावा स्कूली बच्चियों ने अपने हाथों में माहवारी शर्म की नहीं बल्कि गर्व की बात है। क़ुदरत का है यह वरदान, हम सब मिलकर करेंगे इनका सम्मान जैसे शब्दों को कार्ड बोर्ड या तख्तियों पर लिख कर जनजागरूकता अभियान के माध्यम से जागरूक किया गया है। क्योंकि मासिक धर्म एक प्राकृतिक रूप से शारीरिक प्रक्रिया है। महिलाओं में प्रत्येक महीने होने वाली यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मासिक धर्म के दौरान, महिला के गर्भाशय से रक्त और अन्य तरल पदार्थ स्रावित होती है। हर महीने 3-5 दिन तक अनवरत रहने वाली यह प्रक्रिया (10 से 15 वर्ष) से शुरू होकर रजोनिवृत्ति (40 से 50 वर्ष) तक चलती है। शिक्षा और शिक्षित होने के बाद ही स्वास्थ्य से संबंधित जागरूकता आएगी। क्योंकि लड़कियों को कम से कम यह तो पता चले कि यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। शिक्षा से ही अंधेरा दूर होगा तो जनसंपर्क या सूचनाओं के आदान प्रदान से ही जागरूकता आएगी।
- आख़िर क्यों 28 तारीख को मनाया जाता है यह दिवस:
28 मई को पूरी दुनिया में मासिक स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। इसे 2014 से मनाने की शुरुआत की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य किशोरियों एवं महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता रखने के लिए जागरूक करना है। आमतौर पर महिलाओं या युवतियों में मासिक धर्म का चक्र 28 दिनों की होती है। जिस कारण इसे मनाने की तारीख 28 चुनी गई है।
![जिले की 51.5% किशोरी एवं महिलाएं मासिक धर्म के दौरान सुरक्षित तरीक़े से अपनाती है स्वच्छ्ता: सिविल सर्जन 51.5% adolescent girls and women of the district adopt safe way of hygiene during menstruation: civil surgeon](http://angindianews.com/wp-content/uploads/2023/05/IMG-20230528-WA0010.jpg)
Tiny URL for this post: