दिल्ली: महिला आरक्षण विधेयक ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ बुधवार को लोकसभा में दो तिहाई बहुमत से पारित हो गया है। बिल के सपोर्ट में लोकसभा के 454 सांसदों ने वोटिंग की, जबकि 2 सांसदों ने इसके खिलाफ अपना वोट दिया।एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील दो ऐसे सांसद थे, जिन्होंने कल लोकसभा में महिला आरक्षण बिल के विरोध में वोटिंग की। एआईएमआईएम ने तर्क दिया कि चूंकि विधेयक में मुस्लिमों और ओबीसी महिलाओं का प्रावधान नहीं है, इसलिए उन्होंने विधेयक के विरोध में वोट दिया है। असदुद्दीन ओवैसी ने अपने इस कदम के पीछे की वजह बताई है। ओवैसी ने कहा कि हमने विधेयक के खिलाफ इसलिए मतदान किया क्योंकि देश को पता चले कि संसद में दो सदस्य ऐसे भी हैं जो, मुस्लिमों और ओबीसी महिलाओं के लिए लड़ रहे हैं। इस देश में ओबीसी समुदाय की आबादी 50 प्रतिशत से अधिक है, बावजूद इसके सरकार उन्हें आरक्षण देने से मना क्यों कर रही है।
राष्ट्रीय आबादी में मुस्लिम महिलाओं की आबादी सात प्रतिशत है। लेकिन संसद में उनका प्रतिनिधित्व सिर्फ 0.7 फीसदी है। इससे पहले ओवैसी ने लोकसभा में महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक पर चर्चा में शामिल होते हुए आरोप लगाया कि सरकार संसद में सिर्फ ‘सवर्ण महिलाओं’ का प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहती है। उसे अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) और मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की चिंता नहीं है। उन्होंने दावा किया कि यह विधेयक समावेशी नहीं है और यह कुछ खास लोगों के लिए है। उन्होंने सवाल किया कि ओबीसी और मुस्लिम समुदायों के लिए आरक्षण का प्रावधान क्यों नहीं किया गया? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ओबीसी हैं, लेकिन आज सदन में ओबीसी समुदाय का प्रतिनिधित्व महज 20 प्रतिशत है। ओवैसी ने इसे ‘चुनावी स्टंट’ भी करार दिया।
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