गुजरात: अरब सागर के पूर्वोत्तर इलाके में उठा चक्रवाती तूफान अब बहुत गंभीर हो चला है। पिछले 6 घंटों के दौरान यह 3 किमी प्रति घंटे की रफ्तार साथ उत्तर दिशा की ओर बढ़ रहा है। आज सुबह यह तूफान जखाऊ पोर्ट (गुजरात) से 280 किमी दूर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित था। वहीं देवभूमि द्वारका से यह 290 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित है। यह तूफान गुजरात के तटवर्ती इलाके नलिया से 350 किमी पश्चिम-उत्तर पश्चिम में, पोरबंदर से 350 किमी पश्चिम-उत्तर पश्चिम में और पाकिस्तान के कराची से करीब 340 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित है। यह तूफान लगातार आगे की ओर बढ़ रहा है। यह तूफान उत्तर पूर्व की ओर बढ़ते हुए सौराष्ट्र और कच्छ को पार करेगा। 15 जून की शाम को मांडवी (गुजरात) और कराची (पाकिस्तान) के बीच जखाऊ पोर्ट (गुजरात) पर इस तूफान का लैंडफॉल होने की संभावना है।
- सौराष्ट्र और कच्छ तटों के लिए चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने एक बार फिर सौराष्ट्र और कच्छ तटों के लिए चेतावनी दी है। उन्होंने चक्रवात के बढ़ते खतरे को देखते हुए सौराष्ट्र-कच्छ के तटों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं, खतरे को देखते हुए मंगलवार शाम तक, गुजरात के आठ तटीय जिलों से 37,700 से अधिक लोगों को सुरक्षित दूसरी जगह पहुंचाया गया है। चक्रवात का सबसे ज्यादा असर कच्छ में देखा जा रहा है।यहां 17,739 लोगों को शिफ्ट किया गया है। इनके अलावा जामनगर में भी 8,542 लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा। गुजरात सरकार ने विस्थापित लोगों के लिए सैकड़ों राहत शिविर स्थापित किए हैं। कुल 47,113 लोग विस्थापित हुए हैं। जूनागढ़ – 4,462, पोरबंदर – 3,469, द्वारका – 4,863, मोरबी – 1,936, राजकोट – 4,497 लोग शिफ्ट किए गए हैं।
- गुजरात में दिख रहा गंभीर असर
चक्रवात बिपारजॉय का सूरत में गंभीर असर देखा जा रहा है। सूरत में कई स्थानों पर तेज हवा की वजह से पेड़ उखड़ गए। चक्रवात तूफान में अंजना फार्म के पास कई पेड़ गिरे हैं।कच्छ में पिंग्लश्वर बीच पर ऊंची लहरें उठ रही हैं। आसपास के गांवों में पानी घुसना शुरू हो गया है। आईएमडी ने भी बाढ़ की आशंका जताई है। इस बीच भारी बारिश की आशंका है।
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