नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड स्कीम को रद्द करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक ठहरा दिया है। अब इस मामले पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आने लगीं हैं। विपक्षी नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जताई है। विपक्ष के तमाम बड़े नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने आरोप लगाए हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने बॉन्ड को ‘रिश्वत और कमीशन’ लेने का जरिया बनाया था। आज इस बात पर मुहर लग गई है। इसी के साथ मल्लिकार्जुन खरगे, पवन खेड़ा और जयराम रमेश समेत वाम नेता सीताराम येचुरी एवं शिवसेना (यूटीबी) के आदित्य ठाकरे ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस ने चुनावी बॉन्ड योजना पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह निर्णय नोट के मुकाबले वोट की ताकत को और मजबूत करेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि इस फैसले से इस बात पर मुहर लग गई है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चुनावी बॉन्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने चुनावी बॉन्ड स्कीम को लेकर सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए कहा, “नरेन्द्र मोदी की भ्रष्ट नीतियों का एक और सबूत आपके सामने है। बीजेपी ने इलेक्टोरल बॉन्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था. आज इस बात पर मुहर लग गई है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘हम आज उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं जिसने मोदी सरकार की इस ‘काला धन रूपांतरण’ योजना को “असंवैधानिक” बताते हुए रद्द कर दिया है। हमें याद है कि कैसे मोदी सरकार, पीएमओ और वित्त मंत्रालय ने भाजपा का खजाना भरने के लिए हर संस्थान – आरबीआई, चुनाव आयोग, संसद और विपक्ष पर बुलडोजर चला दिया था। राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, कांग्रेस ने हमेशा से कहा था इलेक्टोरल बॉन्ड, खारिज किए जाना चाहिए। ये बीजेपी का स्कैम था. इलेक्टोरल बॉन्ड पर पीएम, वित मंत्री और जेपी नड्डा को जवाब देना चाहिए। राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि यह किसी राजनीतिक पार्टी के लिए नहीं बल्कि पूरे लोकतंत्र के लिए उम्मीद की किरण है। यह देश के नागरिकों के लिए उम्मीद की किरण है। सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि ‘यह पूरी योजना मेरे दिवंगत दोस्त अरुण जेटली के दिमाग की उपज थी, जिसे भाजपा को समृद्ध करने के लिए लाया गया था। सभी जानते हैं कि भाजपा सत्ता में है और चुनावी बॉन्ड योजना का सबसे ज्यादा फायदा भाजपा को ही मिलेगा। मजेदार बात ये है कि चुनावी बॉन्ड योजना का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। यह असल में उद्योग जगत और भाजपा के बीच का संबंध है, जिसके तहत भाजपा को बड़े पैमाने पर दान मिला। बीते वर्षों में भाजपा को करीब पांच से छह हजार करोड़ रुपये का दान मिला है।
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