पूर्णिया: राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा आज रानीपतरा ग्राम के सर्वोदय आश्रम में मोटा अनाज (मिलेट) की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें डी डी एम नाबार्ड अमित कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी सुधीर कुमार, भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय के फसल विज्ञान के प्राध्यापक डा एस पी सिन्हा, एल डी एम संजीव कुमार, निदेशक आर सेटी ओ पी चौधरी सहित सैकड़ों किसानों ने भाग लिया। कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन अतिथियों एवं किसान प्रतिनिधियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप जला कर किया गया। डी डी एम नाबार्ड ने इस कार्यशाला के उद्देश्य पर चर्चा करते हुए कहा कि विलुप्त होती मोटी फसलों जैसे ज्वार बाजरा, रागी, मडुआ, सावा, कोदो, चीना आदि फसलों के प्रति किसानों में जागरूकता लाना है क्योंकि ये सारे फसल स्वास्थ्य एवं कृषि आय के मामले में काफी लाभदायक हैं। इन फसलों की खेती में पानी, खाद एवं अन्य इनपुट की कम जरूरत पड़ती है। साथ ही उन्होने किसानों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि नाबार्ड मिलेट की खेती से लेकर प्रोसेसिंग व मार्केटिंग में भी किसानों का सहयोग करेगा।
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि मोटे फसलों में अन्य फसलों की तुलना में प्रोटीन, विटामिन एवं फाइबर प्रचुर मात्रा में है जिसके सेवन से आए दिन होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है। जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि यह कार्यशाला तभी सफल होगी जब इस क्षेत्र से कम से कम 100 किसान मोटे फसल की खेती के लिए आगे आएँ। उन्होंने जैविक खेती को भी अपनाने एवं इसके प्रमाणीकरण पर जोर दिया। कृषि महाविद्यालय के वानिकी विभाग के डा सूरज प्रकाश ने आम, नारियल एवं सब्जियो के ज्यादा पैदावार एवं उपयोग पर किसानों की समस्या का समाधान किया। एलडीएम ने किसानों के बैंकिंग आवश्यकताओं पर सहयोग देने का आश्वासन दिया। वित्तीय समावेशन पर भारतीय स्टेट बैंक के एफ़एलसी ने किसानों को विभिन्न बीमा योजना की जानकारी देते हुए साइबर फ्रॉड से बचने का तरीका बताया। आरसेटी निदेशक ने किसानों को आरसेटी द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न कृषि एवं पशुपालन आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए श्री आर के सिन्हा ने ज्यादा से ज्यादा किसानों को इन मोटी फसलों को उपजाने का आव्हान किया।