नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले संसद में बजट सत्र चल रहा है। आम चुनाव से पहले यह संसद का आखिरी सत्र है। ऐसे में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करने के लिए बड़ा दांव चला है। आज यानी गुरुवार को लोकसभा में यूपीए सरकार के 10 साल के कार्यकाल पर एनडीए की मोदी सरकार श्वेत पत्र पेश कर सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट में इस श्वेत पत्र का जिक्र किया था।हालांकि, मोदी सरकार के श्वेत पत्र के जवाब में कांग्रेस भी मोदी सरकार के 10 सालों के कार्यकाल पर ब्लैक पेपर लाने की तैयारी में है।
- क्या होता है श्वेत पत्र
श्वेत पत्र एक अनौपचारिक रिपोर्ट होती है, जिसमें किसी विषय के बारे में ज्ञात जानकारी या एक सर्वेक्षण/अध्ययन के परिणाम का सारांश होता है। श्वेत पत्र किसी भी विषय के बारे में हो सकता है, लेकिन यह हमेशा चीजों के काम करने के तरीकों को बेहतर बनाने के सुझाव देता है। यह आमतौर पर सरकार द्वारा अनुवर्ती कार्रवाई या कम से कम एक निष्कर्ष के लिए प्रकाशित किया जाता है। श्वेत पत्रों का उपयोग सरकारी नीतियों और कानून को प्रस्तुत करने और जनता की राय का आकलन करने के लिए किया जाता है। - श्वेत पत्र अर्थव्यवस्था पर होगा
केन्द्र सरकार की तरफ से यह श्वेत पत्र अर्थव्यवस्था पर होगा। इस श्वेत पत्र में मोदी सरकार के केंद्र की सत्ता में आने से यानी 2014 से पहले और उसके बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति की तुलना की जाएगी।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करते हुए इस कुप्रबंधन पर श्वेत पत्र लाने की जानकारी दी थी। सीतारमण ने कहा था, ‘सरकार अर्थव्यवस्था के बारे में सदन के पटल पर श्वेत पत्र पेश करेगी, ताकि ये पता चल सके कि वर्ष 2014 तक हम कहां थे और अब कहां हैं। इस श्वेत पत्र का मकसद उन वर्षों के कुप्रबंधन से सबक सीखना है।’ वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि वर्ष 2014 में देश की बागडोर संभालने के बाद सरकार संकटों से निपटने में सफल रही और अब अर्थव्यवस्था सर्वांगीण विकास के साथ उच्च वृद्धि की राह पर अग्रसर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में पहली बार सरकार 2014 में ही बनी थी। उसके पहले लगातार 10 वर्षों यानी 2004-14 तक मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए सरकार रही थी।