पूर्णिया/रूपौली/अभय कुमार सिंह : थाना क्षेत्र के बिरौली बाजार में चल रहे नकली कीटनाशक दवा सहित अन्य उत्पादों के मामले में पुलिस ने कांड संख्या 89/2024 दिनांक 7.6.2024 के तहत मामला दर्ज कर लिया है तथा आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दिया है । इस मामले में मकान मालिक को बायर कंपनी के प्रतिनिधि रंजीत कुमार सिंह ने नामजद किया है । यह बता दें कि शुक्रवार को करोड़ों रूपये के नकली कीटनाशक सहित अन्य उत्पादों की फैक्ट्री का उदभेदन किसानों के लिए उत्पाद बनानेवाली बायर कंपनी के प्रतिनिधि ने पुलिस के सहयोग से पकड़ा था ।
इसमें एक कडोड 32 लाख रूपये के बायर कंपनी के उत्पाद नेविटो के 100 ग्राम के 11000 हजार पाउच पकड़े गए थे । इसके अलावा शौचालय साफ करनेवाले हरपिक, शेम्पू सहित अनेक उत्पाद पकड़े गए थे । जबकि इसके अलावा पैकिंग करनेवाल मशीन, केमिकल, नील, सकरनी प्लास्टर का जिप्सम प्लास्टर की कई बोरियां बरामद की गई थीं । इसी जिप्सम पलास्टर को बायर कंपनी के नेविटो के 100 ग्राम के पाउच में भरकर तैयार किया जाता था, जिसकी कीमत बाजार में 12 सौ रूपये है । इसका काम खासकर केला में लगे पनामा बिल्ट रोग को दूर करने के लिए किया जाता है ।
इधर इस नकली फैक्ट्री के उदभेदन से यहां के किसानों में काफी रोश व्यापत है तथा तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं । मौके पर बाजार के ही प्रतिष्ठित किसान दिनेश जायसवाल कहते हैं कि ऐसे लोगों को किसी भी कीमत में माफी नहीं मिलनी चाहिए, जिससे कि फिर से अन्य किसी को मौका मिले । उन्हेांने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह बात तय है कि यहां के कुछ लोग किसानों के अस्तित्व पर को ही खत्म कर देना चाहते हैं ।
आश्चर्य तो यह है कि कृषि विभाग आखिर किसलिए एवं किस काम के लिए है । मुख्यालय से महज दो किलोमीटर दूर बिरौली बाजार के खूले मार्केट में खुलेआम नकली दवाओं की फैक्ट्री चल रही थी तथा कृषि विभाग को इसकी खबर नहीं होगी, यह बात किसी को पच नहीं रही है । यह बता दें कि हमेशा से ही नकली एवं नषे के कारोबार के लिए चर्चा में रहे बिरौली बाजार में रेडियो मिस्त्री मो शकील के यहां नकली कीटनाशक दवा सहित अन्य उत्पादों के नकली सामान बनाए जा रहे थे ।
इस बात की खबर दिल्ली में बैठे बायर कंपनी के प्रतिनिधि को लगी, वे पिछले चार महीनों से इस बात की रेकी की तथा उसे पकड़वाने में कामयाब रहे, परंतु कृषि विभाग सोया रहा । मो शकील का परिवार इस कार्य में लगे हुए थे । मो शकील बस एक बात कहकर निकल जा रहे हैं कि उन्हें पता नहीं था कि यह गलत कार्य था ।
अनजान व्यक्ति उनसे तीन हजार रूपये माह पर पिछले 15 मई को किराया पर लिया था, वही सारा सामान यहां लाता था तथा उन्हें काम करने का कमीषन देता था । गरीबी के कारण वेलोग ये काम करते थे तथा इस बात से अनजान थे कि यह गलत काम हो रहा है । जिस व्यक्ति ने उनसे कमरा लिया था, उसका मोबाइल नंबर 7929934696 है । वह उधर से ही बात करता था तथा जब वे किसी बात के लिए फोन करते थे, तब उसे कभी भी नहीं लगता था । वह कहता था कि वह कृषि विभाग में ही रूपौली में काम करता है ।
मो शकील आलम की बातों पर सभी को शक-
मकान मालिक मो शकील आलम की बातों पर सभी का शक गहराता जा रहा है । इस कार्य में उसके ही सभी स्वजन लगे हुए थे, किसी भी बाहरी व्यक्ति को इस कार्य में षामिल होते नहीं देखा गया है । संभावना है कि मो शकील आलम फर्जी नाम बताकर अपना पल्ला झाड लेना चाहता हो, ताकि वह निर्दोष साबित हो जाए । भाडेदार का हुलिया, उसकी कोई तस्वीर, कोई आईकार्ड कुछ भी नहीं होने की बात कही जा रही है ।
आखिर कोई कैसे बिना नाम पता के व्यक्ति को अपने घर में पनाह दे सकता है, यही बात सभी को सशंकित कररही है कि कहीं मो शकील आलम स्वयं तो इस कारगुजारी में संलिप्त तो नहीं था । देखें पुलिस कैसे इस मामले का खुलासा करती है ।
मामला दर्ज कर लिया गया है, इसमें मो शकील आलम को नामजद किया गया है । मामले की तहकीकात किया जा रहा है ।
मो अमजद अली, थानाध्यक्ष, रूपौली थाना ।
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