पटना: केन्द्र सरकार द्वारा संसद में लाए गए महिला आरक्षण बिल का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि संसद में जो महिला आरक्षण बिल लाया गया है, वह स्वागत योग्य कदम है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ट्वीट कर इस बिल को लेकर अपनी बात कही है। उन्होंने लिखा है…हम शुरू से ही महिला सशक्तीकरण के हिमायती रहे हैं। बिहार में हमलोगों ने कई ऐतिहासिक कदम उठाये हैं। वर्ष 2006 से हमने पंचायती राज संस्थाओं और वर्ष 2007 से नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। उन्होंने आगे लिखा है कि बिहार में वर्ष 2006 से ही प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50 प्रतिशत और वर्ष 2016 से सभी सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। वर्ष 2013 से बिहार पुलिस में भी महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है।
आज बिहार पुलिस में महिला पुलिसकर्मियों की भागीदारी देश में सर्वाधिक है। बिहार में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग नामांकन में न्यूनतम 33 प्रतिशत सीटें छात्राओं के लिये आरक्षित हैं। ऐसा करनेवाला बिहार देश का पहला राज्य है। हमलोगों ने वर्ष 2006 में राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों के गठन के लिए परियोजना शुरू की जिसका नामकरण ‘जीविका’ किया। बाद में तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसकी तर्ज पर आजीविका कार्यक्रम चलाया। बिहार में अब तक 10 लाख 47 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन हो चुका है जिसमें एक करोड़ 30 लाख से भी अधिक महिलाएं जुड़कर जीविका दीदियां बन गई हैं।
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