नाटक ‘मैं बिहार हूं’ कि प्रस्तुति देखकर दर्शक मुग्ध हो गए…
पूर्णिया : किलकारी बिहार बाल भवन, पूर्णिया प्रमंडल के द्वारा, बाल दिवस के अवसर पर विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर,बाल भवन के बच्चों के द्वारा समारोह पूर्वक बाल दिवस का उल्लास प्रगट किया गया। राजकीय कन्या उच्च विद्यालय, पूर्णिया परिसर में अवस्थित किलकारी बिहार बाल भवन के प्रांगण में संध्या 4:00 बजे जब मंच का आगाज हुआ तो किलकारी, पूर्णिया के बच्चों ने वह समा बांधा कि, दर्शक विभोर हो गए। ज्ञात हो कि हर वर्ष 14 नवम्बर को चाचा नेहरू की जयंती के अवसर पर बाल दिवस मनाने की परंपरा रही है और इस वर्ष भीदेश भर में बाल दिवस को बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। इसी कड़ी में यह कार्यक्रम भी आयोजित की गई और विशेष प्रभाव छोड़ने में सफल रही। कार्यक्रम का उद्घाटन, प्रमंडलीय आयुक्त, पूर्णिया, मनोज कुमार सिंह के कर कमलों से किया गया। साथ ही अतिथि के रूप में पूर्णिया के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी भी कार्यक्रम में बच्चों का उत्साह वर्धन करने के लिए उपस्थित रहे। इस अवसर पर मुख्य रूप से विभिन्न कला विधाओं में निपुण होने वाले किलकारी के छात्र-छात्राओं के द्वारा अपने-अपने कला विधा में संस्कतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। सर्वप्रथम किलकारी बिहार बाल भवन, पूर्णिया के प्रमंडल समन्वयक रवि भूषण मुकुल के द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। अतिथियों के द्वारा परिसर का भ्रमण भी किया।उपरांत सभी अतिथियों के द्वारा आसन ग्रहहन करने के साथ ही स्वागत गान प्रस्तु किए गए। तत्पश्चात प्रमंडल आयुक्त के द्वारा विधीवत समारोह का उद्घाटन किया गया। साथ ही उन्होंने मंच से अपना संबोधन देते हुए कहा कि, आज का यह कार्यक्रम अपने आप में इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कार्यक्रम हमारे नोनीहालों के लिए है।
बाल दिवस के अवसर पर हम अपने परिवेश के बच्चों को आने वाले समय के लिए तैयार होने का संदेश देते हैं और यह उम्मीद करते हैं कि भविष्य में वह आत्मनिर्भर बनकर अपने समाज और देश के काम आएंगे। प्रमंडलीय आयुक्त ने उपस्थित सभी को दिवस विशेष की को शुभकामनाएं भी दी। इस अवसर पर किलकारी बिहार बाल भवन पूर्णिया के कुशल कर्मी एवं प्रशिक्षक के साथ-साथ अभिभावक और चयनित बालक व बालिका का सम्मान भी किया गया। सम्मानित होनेवालों में सर्वश्रेष्ठ बालक लक्ष्मण कुमार, सर्वश्रेष्ठ बालिका आर्य रानी, सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षक जूही कुमारी, सर्वश्रेष्ठकर्मी श विकास आनंद, सर्वश्रेष्ठ अभिभावक छात्रा दिव्या की माँ पुनिता देवी भी सम्मानित हुई। इसके अलावा बस के रंगों रोगन व नवीकरण के लिए राधेश्याम गुप्ता, मनोज कुमार, स्नेहा रानी को सम्मानित किया गया, तो वहीं लाइट एवं साउंड के संचालन व डिजाइन के लिए विनय चौहान और समीर दास को भी सम्मान प्रदान किया गया। इस अवसर पर विशेष तौर पर पधारे बहरूपिया दल का भी स्वागत किया गया और नाट्य विशेषज्ञ संटु कुमार का भी अभिनंदन किया गया। मंच का विधिवत उद्घाटन के बाद कार्यक्रम का दौर प्रारंभ हुआ और सर्वप्रथम बिहार की गौरवगाथा को दर्शाती हुई रवि भूषण मुकुल द्वरा निर्देशत नाटक ‘मैं बिहार हूं’ का सफल मंचन किया गया। इस नाटक के लेखक हैं। नाटक की प्रस्तुति के बाद ग्रामीण लोक नृत्य, लोक संगीत आधारित लक्ष्मी गीत, नेपाली नृत्य, शास्त्रीय संगीत, बिहार की गौरवशाली परंपरा को परिभाषित करती हुई लोक नृत्य ‘अपन बिहार’ रस्सी डांस, ट्रैक म्यूजिक के साथ-साथ कसबा के बिशनपुर में संचालितकिलकारी बिहार बाल भवन, पूर्णिया प्रमंडल से संबंद्ध बिशनपुर उत्क्रमित मध्य विद्यालय अवस्थित बाल केंद्र के बच्चों के द्वारा लोकनृत्य झिझिया की प्रस्तुति की गई ।
सभी प्रस्तुतियां अपने आप में एक से बढ़कर एक रही और दर्शकों ने भरपूर आनंद लिया। अंत में किलकारी बिहार बलवान पूर्णिया के सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी त्रिदीप शील ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। इस मौके पर नामांकन सह विक्रय केंद्र के रूप में विकसित, पुराने एंटीक बस में तैयार किए गए डिजिटल लाइब्रेरी का भी उद्घाटन प्रमंडलीय आयुक्त, पूर्णिया के के द्वारा किया गया । कार्यक्रम में मंच संचालन किया आकाशवाणी पूर्णिया की उद्घोषिका सुचित्रा कुमारी ने जबकि किलकारी पूर्णिया की अकाउंटेंट शिखा कुमारी एवं टीम मैं शामिल सभी प्रशिक्षक एवं कर्मी कार्यक्रम को सफल बनाने में जूटे रहे। साथ ही पूर्णिया के रंगकर्मी गोविंद कुमार का भी अहम भुमिका रही।
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