- आम लोगों को मोटे अनाज को अपने मुख्य भोजन में शामिल करने के लिए किया जा रहा है जागरूक:
- मोटे अनाज में ज्वार, बाजरा, मड़ुआ, कोदो आदि को किया गया शामिल:
- पोषण पखवाड़े के अंतिम दिन प्रखंडों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन:
- बैसा एवं बायसी में स्वच्छता एवं पोषण से संबंधित प्रतियोगिता का आयोजन: प्रफुल्ल
पूर्णिया: जिला सहित पूरे राज्य में विगत 20 मार्च से 03 अप्रैल तक पोषण पखवाड़ा अभियान चलाया गया। इस वर्ष पोषण पखवाड़े में आम लोगों को मोटे अनाज यानी श्री अन्न (ज्वार, बाजरा, मड़ुआ, कोदो, कुटकी आदि) को अपने मुख्य भोजन में शामिल करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए जागरूकता अभियान चला कर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। बैसा एवं बायसी प्रखंड के सभी पंचायतों के मुखिया, बीडीसी एवं अन्य जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण के बेहतर सेवाओं के लिए लिए पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधि, एएनएम, आंगनबाड़ी सेविका, आशा कार्यकर्ताओ के अलावा जीविका समूह की दीदियों का एक साथ उन्नमुखीकरण किया गया। इस अवसर पर एमओआईसी डॉ विजय कुमार, बीएचएम किंकर घोष, एलएस नेहा कुमारी एवं मोनिका, जीपीएसवीएस के जिला समन्वयक प्रफुल्ल कुमार, अशोक कुमार, रमेंद्र कुमार, शब्बीर सहित कई अन्य उपस्थित थे। वहीं बैसा में आयोजित कार्यक्रम में महिला पर्यवेक्षिका पुनिता कुमारी एवं माला देवी उपस्थित रही।
- पोषण के लिए मोटे अनाज की आवश्यकता सबसे अधिक: डीपीओ
आईसीडीएस की डीपीओ रजनी गुप्ता ने बताया कि मोटे अनाज या श्री अन्न का उपयोग केवल शारीरिक पोषण के लिए ही नहीं, बल्कि सबल राष्ट्र निर्माण के लिए भी बहुत जरूरी है। क्योंकि स्वस्थ शरीर, संतुलित शारीरिक विकास और शारीरिक अंगों के ठीक से काम करने के लिए यह बेहद लाभदायक होता है। ऐसा करने मात्र से हमलोग अस्पताल के खर्च और दवा से काफी समय तक बचे रह सकते हैं। सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को विशेष रूप से इसे समझने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी बताया कि आम लोगों से मोटे अनाज जैसे- ज्वार, बाजरा, मड़ुआ, कोदो, कुटकी जैसे सर्वसुलभ श्री अन्न का उपयोग बढाने और अपने मुख्य भोजन का हिस्सा बनाने की अपील कीजा रही है। जिले के सभी प्रखंडों में आईसीडीएस की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में केयर इंडिया, पिरामल, यूनिसेफ सहित कई सहयोगी संस्थाओं द्वारा काफ़ी सहयोग किया गया है। सभी के सहयोग से ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता का आयोजन कर सफल प्रतिभागियों को उनके ईमेल पर प्रिंट कराने योग्य ई-सर्टिफिकेट प्राप्त होगा।
- पोषण पखवाड़ा के दौरान बैसा एवं बायसी में स्वच्छता एवं पोषण से संबंधित प्रतियोगिता का आयोजन: प्रफुल्ल
यूनिसेफ जीपीएसवीएस (पोषण) के जिला समन्वयक प्रफुल्ल ने बताया कि संतुलित आहार और पौष्टिक भोजन के रूप में मोटे अनाज को बढ़ावा देने के उद्देश्य से समेकित बाल विकास सेवा निदेशालय ने अनोखी पहल की है। जिसमें विभागीय स्तर पर जन-जन तक इसका लाभ दिलाने के लिए विभिन्न तरह के आयोजन किए जा रहे हैं। पौष्टिक आहार की शत प्रतिशत आपूर्ति के लिए स्थानीय बाजार में उपलब्ध विभिन्न प्रकार की हरी सब्जियां सहित मोटे अनाज को अपनाया जा सकता है। क्योंकि जीवन शैली ठीक करने, आचार-व्यवहार जलवायु के अनुकूल बनाने और पोषण संबंधी भ्रांतियों को दूर करने में सार्थक पहल हो सकती है। बैसा एवं बायसी प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में पोषण पखवाड़ा के दौरान किशोरियों के बीच स्वच्छता एवं पोषण से संबंधित प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें दोनों प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारियों एवं आईसीडीएस की ओर से महिला पर्यवेक्षिका सहित जीपीएसवीएस के कर्मियों की शत प्रतिशत सहभागिता रही।
![पोषण के लिए मोटे अनाज की आवश्यकता सबसे अधिक: डीपीओ Coarse grains are most needed for nutrition: DPO](http://angindianews.com/wp-content/uploads/2023/04/IMG-20230403-WA0003-1024x768.jpg)
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