खातुदेवी ने नन्दी गौशाला में भेंट की सामग्री, गायों को गुड़ खिलाकर की गोसेवा
राजस्थान: जीवों की सेवा के लिए मात्र धन की नही बल्कि जिगर व जज्बे की भी जरूरत होती है। ऐसा ही उदाहरण पेश किया है रानीगांव में रहने वाली खातुदेवी मेघवाल ने। जिन्होंनें राष्ट्रीय राजमार्ग 68 पर स्थित नन्दी गौशाला पहुंचकर स्वयं गोसेवा के लिए 5 कट्टे बाजरी, 5 कट्टे दाला और 5 कार्टुन गुड़ भेंट किया। तथा गायों को स्वयं गुड़ व चारा खिलाकर आशीर्वाद प्राप्त किया। वहीं इससे पूर्व श्रीमति खातुदेवी मेघवाल अपने पति की स्मृति में शिक्षा-दान करते हुए राजकीय विद्यालय हेतु दो बीघा भूमि सरकार को समर्पित कर चुकी है। सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश बोहरा अमन ने बताया कि जीवों के प्रति करूणा ही मानवता की पहचान है। हमें प्राणीमात्र के प्रति दया व करूणा का भाव रखने की जरूरत है। श्रीमति खातुदेवी मेघवाल ने करूणा दिखाते हुए जो गोसेवा की है, सही मायनों में अनुमोदना व प्रशंसा योग्य है। सेवा के दौरान आपका भाव सबसे महत्वपूर्ण व प्रथम है, राशि द्वितीय है।
आप कितना धन लगाते यह एक अलग बात है परन्तु आप किस भाव के साथ उस कार्य से जुड़ते है, वह सबसे महत्वपूर्ण है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि श्रीमति खातुदेवी मेघवाल ने उदारता दिखाते हुए बस्ती के बच्चों की शिक्षा के लिए पहल की और बस्ती में राजकीय विद्यालय के लिए सरकार को दो बीघा भूमि भी समर्पित की है। उनका यह योगदान स्मरणीय व श्लाघनीय है। आज उनके योगदान की बदौलत बस्ती के बच्चों को अपने घर के पास शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिल रहा है। इस दौरान श्रीमति खातुदेवी मेघवाल, मुकेश बोहरा अमन, गौतमचन्द बोहरा, बाबुसिंह, अध्यापक नरपत राम सहित नन्दी गौशाला के कर्मचारी उपस्थित रहे।
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