पूर्णिया: आज एसएम झा ( संस्थापक अध्यक्ष सरोकार सिविल सोसाइटी, उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता जिला कांग्रेस कमिटी, विधायक एवं महापौर प्रत्याशी, सीनियर एडवोकेट) ने एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन कर नगर आयुक्त, आरिफ अहसन के कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाया। एस एम झा ने नगर आयुक्त, आरिफ अहसन के पक्षपातपूर्ण, भेदभावपूर्ण एवं प्रताड़नापूर्ण कार्यवाई पर रोष जताते हुए कहा कि मेरे एक मंजिला और कच्चा निर्माण को नगर आयुक्त, आरिफ अहसन ने खुन्नस में आकर तीन मंजिला इमारत साबित कर दिया, सौरा नदी से 250-300 मीटर की दूरी को 12 मीटर बताकर मुझपर 10 लाख का जुर्माना लगा दिया और मेरे भवन को सील भी करवा दिया है। श्री झा ने नगर आयुक्त आरिफ अहसन से सवाल करते हुए पूछा कि सौरा नदी के किनारे 10 मीटर से कम दूरी पर बने G+7 निर्माण जिसके खिलाफ दर्जनों RTI डाला गया है, प्रमंडलीय आयुक्त महोदय का निर्देश निर्गत है उसपर आखिर एक नोटिस तक जारी नहीं किया गया है नगर आयुक्त के द्वारा, आखिर उक्त भवन से आरिफ अहसन जी का कौन सा स्वार्थ सन्निहित है? श्री झा ने कहा नगर आयुक्त आरिफ अहसन जी बताएं कि किस आधार पर एक बिल्डर सौरा नदी को बाँधकर निजी पुल का निर्माण कर लेता है ताकि उक्त G+7 तक पहुंचा जा सके? ध्यातव्य हो कि जुलाई 2019 में अखबारों के माध्यम से तत्कालीन जिलाधिकारी, श्री प्रदीप कुमार झा ने शहरवासियों को बताया था कि सौरा नदी के 100 मीटर के दायरे में कोई निर्माण कार्य नहीं होगा तो फिर वर्तमान में 10 मीटर से कम दूरी पर 8 मंजिला व्यवसायिक भवन कैसे निर्मित हो गया? आखिर उक्त भवन पर किसी तरह की कारवाई क्यों नहीं की जा रही है?
श्री झा ने नगर आयुक्त के पक्षपातपूर्ण रवैये का खुलासा करते हुए कहा कि प्रमंडलीय आयुक्त ने अपने आदेश सुनवाई संख्या 409110130111903479/1A दिनांक 13/02/2021 (वाद संख्या 75EM/2019 धारा 144) में नगर आयुक्त को आदेश दिया है कि भट्ठा (वार्ड 13, 14 एवं 22) के सभी मॉल, होटल एवं रेस्तरां का जांच कर सभी को सील किया जाय लेकिन नगर आयुक्त ने सिर्फ एक भवन को सील किया, अन्य पर कार्रवाई नहीं हुई, क्यों? श्री झा ने गुलाबबाग एवं खुस्कीबाग के फुटकर विक्रेताओं के दर्द और हताशा को उल्लिखित करते हुए कहा कि नगर निगम एवं जिलाप्रशासन ने फुटकर विक्रेताओं को आश्वासन दिया था कि 15 दिनों के भीतर उन्हें उनके आजीविका का साधन, दुकान मुहैया करवा दिया जाएगा लेकिन 6-8 महीने बीतने के बावजूद भी उनका दर्द कम नहीं हुआ है। आज भी बेकारी और मुफ़लिसी से ग्रस्त फुटकर विक्रेता बंधु भिखारियों के माफिक जीने को बाध्य हैं, क्यों? श्री झा ने मीडिया के माध्यम से जनप्रतिनिधियों एवं जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि भूमिहीनों को दर बदर करते समय उनके उचित पुनर्वास का आश्वासन दिया गया था। आखिर उस आश्वासन को अभी तक धरातल पर उतारा क्यों नहीं गया है? श्री झा ने नगर आयुक्त के कार्यशैली पर गम्भीर आरोप लगाते हुए बताया कि नगर आयुक्त महोदय हजारों घरों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर नोटिस चस्पा करवाते हैं लेकिन कार्यवाई सिर्फ चुनिंदा 61 लोगों पर करते हैं, शेष के फाइलों को ठंढे बस्ते में आखिर किस आधार पर डाल दिया गया है? क्या यह आयुक्त महोदय के द्वारा परोक्ष उगाही का द्योतक नहीं है?
श्री नगर आयुक्त, आरिफ अहसन पर घोर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि मिल्लिया ग्रुप के अवैध निर्माणों (विवादित जमीन पर बिना नक्शा के वने इन्टरनेशनल स्कूल, नाले पर बना मिल्लिया कॉन्वेंट, सौरा के कछाड़ में बिना नक्शा के मिल्लिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के दर्जनों बिल्डिंग आदि) पर किसी प्रकार का कारवाई नहीं कर आरिफ अहसन जी आखिर शहरवासियों को क्या पैगाम देना चाहते हैं? क्या यह गंभीर पक्षपात की स्पष्ट इशारा नहीं? श्री झा ने मीडिया के माध्यम से पूर्णिया के जनप्रतिनिधियों, जिला प्रशासन एवं प्रमंडलीय आयुक्त महोदय से नगर आयुक्त, आरिफ अहसन जी के पक्षपातपूर्ण, भेदभावपूर्ण, प्रताड़नापूर्ण एवं संवेदनहीन कार्यशैली का समीक्षा करते हुए निष्पक्ष एवं विधिसम्मत कार्यवाई सुनिश्चित करने का निवेदन किया। श्री झा ने जनप्रतिनिधियों से निवेदन करते हुए कहा कि पदाधिकारी तो प्रताड़ना कर चले जाएंगे लेकिन प्रताडित आम अवाम को जबाव तो जनप्रतिनिधियों को ही देना होगा अतः माननीय सांसद महोदय, विधायक महोदय एवं महापौर महोदया को स्थिति की गंभीरता का आकलन करते हुए अविलम्ब एवं उपयुक्त कदम उठाने की महती आवश्यकता है।
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