पूर्णिया : शिक्षक बनने का सपना बिहार झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चें सबसे ज्यादा देखते है। इसका उदाहरण है कि पूर्व में हुएं सीटेट परीक्षा के लियें आवेदन के समय पहले आओ पहलें पाओ के आधार पर जो शीट आवंटन करने का निर्णय लिया गया था उसमें। दो से तीन दिन में ही पूरे बिहार के परीक्षा केंद्र भर गया था। जिससे प्रत्योगी छात्रों को सुदुर वर्ती दिल्ली और जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों में परीक्षा देने जाना परा। यह तो सर्वविदित है कि शिक्षक बनने वालें प्रतियोगी छात्रों को नौकरी कब मिलेगा पता नहीं लेकिन परीक्षा के नाम पर अत्यधिक आर्थिक शोषण ने छात्रों को फीर से सड़क पर उतरने के लियें मजबूर कर देगा। बिहार में शीट बढ़ोतरी हो इसकों लेकर एवीबीपी छात्र नेता शशि शेखर कुमार तथा सीटेट परीक्षा प्रतियोगी आशीष सिंह, अंकित, मुकेश, आभिषेक, आदर्श कुमार, विशाल केसरी ने बताया कि सरकार सहीत सीटेट परीक्षा बोर्ड जिसकों पहले ही ज्ञात था कि बिहार के परीक्षा केंद्र दो से तीन दिन में भर जाता है। तो इसबार परीक्षा केंद्र को नहीं बढ़ाकर छात्रों को परेशानी में डाल दिया है।
आज के समय में रोजगार के लियें बिहार के गरीब, दलील, वंचित समाज से आने वालें युवाओं का एकमात्र भरौसा शिक्षक बनने का है लेकिन सरकार के उदासीन रवैया के कारण आर्थिक रूप से शोषित होना पर रहा है। सरकार सहित सीटेट आयोजित करने वाली संस्था को इस और ध्यान देकर अभिलंब परीक्षा केंद्र बढ़ाने का निर्णय लेना चाहिए। अन्यथा छात्रों को सड़क पर उतरने के लियें मजबूर होना परेगा। वही उन्होंने बताया कि इस और ध्यान दिलाने के लियें बिहार के लाखों युवा 03 तारीख बुधवार सुबह 10 बजें से ट्विटर पर ( हेंस टैंग सीट बढ़ोतरी, सीटेट बिहार, सीबीएसई SET INCREASE, CTET BiHAR, CBSE सरकार तथा परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था का ध्यान इस समस्या पर देने के लियें शांति पूर्वक ट्विटर पर महाआंदोलन का आगाज करेगी।
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