- सुबह बाइक से निकले थे बिना कुछ बोले, बाइक को देवीपुर ढाला पर लगा दिया था तथा लगभग सौ मीटर दूर ट्रेन से कटकर दे दी थी जान
- एसीडीटी जैसी गंभीर बिमारी से परेशान थे, स्वजन परेशान थे कि पता नहीं कहां चला गये
- अंत्यपरीक्षण के बाद स्वजनां को हुई खबर, पूरे गांव में शोक
पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: टीकापट्टी थाना क्षेत्र के कोशकीपुर गांव में गुरूवार को एक छात्र की मौत का गम में अभी लोग डूबे ही थे कि एक और हादसे की खबर से पूरा गांव सन्न रह गया। गांव का एक व्यक्ति अपनी बीमारी से परेशान होकर ट्रेन से कटकर जान दे दी है। व्यक्ति सुबह से बाइक से लापता था, जिससे पूरा परिवार खोजबीन में परेशान था। उसका क्षत-विक्षत शव कुरसेला स्टेशन से लगभग दो किलोमीटर दूर कटिहारकी ओर देवीपुर ढाला के पास मिला था तथा बाइक भी देवीपुर ढाला के पास ही लगा हुआ था। इस बात की खबर तब लगी, जब रेलवे पुलिस शव को अंत्यपरीक्षण के लिए लेकर चली गई थी। इन दोनों घटनाओं ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है। घटना के बारे में मृतक रंजीत कुमार सिंह पिता स्व० जागेश्वर प्रसाद सिंह उम्र 45 वर्ष के भाई भवानी सिंह ने रोते हुए बताया कि उसके भैया सुबह जगने के साथ बिना किसी को बताए बाइक से निकल गए। वे अपने साथ मोबाइल भी नहीं लेकर गए थे। उनके नाश्ता के समय तक वापस नहीं आने से वे लोग काफी परेशान हो गए, क्योंकि उनकी तबियत खराब रहती थी।
अचानक उनके पास फोन आया कि उसके भाई रेल से कट गए हैं, जिनके शव को रेलवे पुलिस अंत्यपरीक्षण के लिए ले गई है। वे लोग रोते-कलपते कटिहार गए, देखा उसके पिता का शव बुरी तरह से क्षत-विक्षत हो चूका था। उन्हें एसिडिटी की गंभीर बिमारी थी, जिसके इलाज कराते-कराते थक-से गए थे। ऐसा लगता है कि वे इसी से परेशान होकर ऐसा भयानक कदम उठाने पर मजबूर हो गए। सबसे बडा दर्द उनकी पत्नी एवं तीनों बच्चों को दे गए हैं। एक बेटी नवोदय में पढती है, एक बेटा पोलिटेक्निक तथा दूसरा अभी प्राईमरी में है। सबसे बडा सवाल उन्हें कौन संभालेगा। उनकी पत्नी रानी देवी, पुत्र अमित, सुमित, पुत्री अंजली को तो ऐसा हो गया था, जैसे कि काठ मार गया हो। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा है कि उनके पिता अब नहीं रहे। इधर इस घटना से पूरा गांव शोक में है। मुखिया पवित्री देवी, सरपंच उषा देवी, पंचायत समिति सदस्य निर्मला देवी आदि ने पीडित परिवार को संतावना देते हुए कहा कि भगवान की शायद यही मर्जी थी, उनका आत्मा को शांति दें।
