पूर्णिया: प्रखंड के उपप्रमुख मीना देवी का मंगलवार का दिन, अमंगलकारी रहा तथा उनकी कुर्सी अंततः चली गई । उनके समर्थन में चार तथा विरोध में 16 मत मिले, जबकि उपप्रमुख मीना देवी अपने एक अन्य समर्थन के साथ अवष्वास चर्चा के बाद वाकआउट कर गई थीं । यह बता दें कि उपप्रमुख मीना देवी के खिलाफ 6 जनवरी को अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, उसे अविश्वास को निरस्त कर दिया गया था । पुनः एकबार फिर से अविश्वास प्रस्ताव 13 फरवरी को लगाए थे ।
इसको लेकर अविश्वास प्रस्वात को लेकर 20 फरवरी को तिथि निर्धारित कर दी गई थी । इस अविश्वास प्रस्ताव में पंचायत समिति सदस्य अनंत कुमार आनंद सहित अन्य ने आरोप लगाया था कि उप्रमुख अधिकार एवं कर्त्तब्य का दुरूपयोग करती हैं, राश्ट्रीय पर्व पर भी अनुपस्थित रहती हैं । सामाजिक न्याय समिति के पद पर आसीन होने के बाद भी एक बैठक का भी आयोजन नहीं किया है । संवैधानिक पद पर रहते हुए भी अपने पद के मूल्यों को नहीं समझती हैं एवं संवैधानिक कर्त्तब्यों का निर्वहण नहीं करती हैं । स्थानीय दलगत राजनीति एवं प्रभाव तथा दबंगता के कारण अपने दायित्व का ध्यान न रखकर मनमानेपन से कार्य करती हैं ।
कुछ इसी को लेकर अविश्वासप्रस्ताव को लेकर बैठक में चर्चा हुई । चर्चा के दौरान उपप्रमुख मीना देवी एवं पंचायत समिति सदस्य कैलाश मुनि वहां से वाकआउट कर गईं । 26 सदस्यों वाली इस पंचायत समिति सदस्यों की टीम में एक ने इस्तिफा कर दिया था । बचे पचीस में से उपप्रमुख एवं एक सदस्य वाकआउट कर गए थे । तीन सदस्य सदन में पहूंचे ही नहीं थे । बचे 20 सदस्यों में से 16 ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में तथा चार ने अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में अपना मतदान किया ।
इस तरह से उप्रमुख की कुर्सी चली गई है। अब नये उपप्रमुख के चुनाव को लेकर चर्चा उठ खडी हुई है तथा अगली तिथि का लोगों को इंतजार है । इस अवसर पर प्रमुख प्रतिमा देवी, उपप्रमुख मीना देवी, पूर्व प्रमुख रेखा देवी, अनंत कुमार आनंद, सुनील कुमार मंडल, जर्वन झा सहित अनेक पंचायत समिति सदस्य उपस्थित थे ।
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