सहरसा, अजय कुमार: जिला स्तरीय खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम 2023 का आयोजन प्रेक्षागृह सहरसा में किया गया। जिसका जिलाधिकारी वैभव चौधरी आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।जिला पदाधिकारी द्वारा सभी कर्मियों को आह्वान कर कहा कि बिहार राज्य में हमारा जिला सहरसा कृषि प्रधान जिला है। हमारा मुख्य उद्देश्य कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में चलाई जा रही महत्वाकांक्षी योजना को धरातल पर पहुँचाना है। कृषि का अर्थ केवल खाद्य के लिए उत्पादन करना ही नहीं अपितु संबंधित क्षेत्र में व्यवसाय एवं विपणन के लिए भी कार्य करना है जिसके महत्वपूर्ण अवयव आप सब हैं। जिला पदाधिकारी द्वारा कहा गया कि वर्तमान में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का भौतिक सत्यापन शत-प्रतिशत पूर्ण करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। परन्तु सहरसा जिला 12 वें स्थान पर है। जिसमें कुल लक्ष्य के विरूद्ध मात्र 42.73 प्रतिशत ही पूर्ण हुआ है, अभी 1,44,444 लाभुकों का भौतिक सत्यापन होना शेष है, जो एक बड़ी संख्या है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की अगली किस्त की राशि अगले कुछ दिनों में भारत सरकार से आने वाली है, जिसमें लंबित रहने वाले किसानों को राशि प्राप्त नहीं हो पायेगी। किसानों को ससमय राशि प्राप्त नहीं होने की सारी जबाबदेही संबंधित कर्मियों की होगी। जिला पदाधिकारी द्वारा प्रगति कम रहने के संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भौतिक सत्यापन में पंचायतवार खराब प्रदर्शन करने वाले कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार की सूची बनाकर आवश्यक कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। जिला पदाधिकारी द्वारा प्रेस के माध्यम से सभी किसानों से आह्वान किया गया कि स्वंय भी जागरूक होकर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना हेतु इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक तथा काॅमन सर्विस सेन्टर के माध्यम ससमय राशि प्राप्त कर लें।
जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि खरीफ मौसम में चलाई जा रही विभिन्न योजना यथा मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना एवं अनुदानित दर पर बीज वितरण की जानकारी दी गई। इनके द्वारा बताया गया कि मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना अंतर्गत एक राजस्व ग्राम से धान बीज हेतु अधिकतम 2 किसानों को प्रति किसान 6 कि.ग्रा. आधार बीज आधा एकड़ हेतु 90ः अनुदान पर उपलब्ध कराया जा रहा है। अनुदानित दर पर 10 वर्ष से कम एवं 10 वर्ष से अधिक आयु प्रभेदों का बीज एक किसान को 5 एकड़ हेतु अधिकतम 60 कि.ग्रा. बीज 50ःअनुदान पर उपलब्ध कराया जा रहा है। इनके द्वारा सभी संबंधित कृषि कर्मी को बताया गया कि पंचायतवार धान बीज वितरण हेतु लक्ष्य आवंटित किया गया, जिस आलोक में बी0आर0बी0एन0 अधिकृत बीज विक्रेता द्वारा सभी प्रखंडों में वितरण हेतु धान बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। सभी कृषि कर्मियों से आह्वान किया गया कि कृषि कार्य समयबद्ध होता हैै। समय पर किसानों को बीज उपलब्ध कराने से फसल उत्पादकता भी बढ़ती है। सभी कर्मी को निदेश दिया गया कि अधिकाधिक प्रचार-प्रसार कर ऑनलाईन आवेदन हेतु वेबसाईट पर जाकर किसान पंजीयन नम्बर आधारित आवेदन किया जा सकता है। इनके द्वारा यह भी बताया गया कि एक किसान किसी एक ही योजना में बीज के लिए आवेदन कर सकते हैं। उप निदेशक (जूट), बिहार, पटना द्वारा धान की उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने हेतु समय से बुआई, सिंचाई, जीरोटिलेज एवं सीड ड्रिल के उपयोग का व्यापक प्रचार-प्रसार, जैविक खेती एवं जलवायु अनुकूल कृषि एवं विभागीय अन्य योजनाओं की संक्षिप्त जानकारी दी गई। इनके द्वारा सभी कर्मियों का आह्वान किया गया कि अपने-अपने क्षेत्र में जाकर व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए अधिकाधिक नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराएँ ताकि सभी किसान तकनीकी ज्ञान से कम व्यय में अधिक गुणवत्तापूर्ण उत्पादन कर अपने सामाजिक एवं आर्थिक जीवनशैली में अपेक्षित सुधार ला सकें। इनके द्वारा बताया गया कि किसानों को इस कार्यक्रम के माध्यम से फसलों, सब्जी उत्पादन, फल उत्पादन, मधुमक्खी पालन, जैविक खेती, प्राकृतिक खेती से संबंधित कठिनाईयों का निराकरण प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण सह उपादान कार्यक्रम जो दिनांक 02.06.2023 से 14.06.2023 के मध्य विभिन्न प्रखंडों में वैज्ञानिको तथा कृषि एवं संबद्ध विभागों के प्रसार पदाधिकारियों द्वारा किया जाएगा।
डाॅ0 राधेश्याम सिंह कनीय वैज्ञानिक, मंडन भारती कृषि महाविद्यालय, अगवानपुर द्वारा खरीफ फसलों की उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने की तकनीकी पहलूओं की विस्तृत जानकारी दी गई। इनके द्वारा बताया गया कि खेती में समय एवं प्रबंधन का यदि उपयोग किया जाए तो अधिक से अधिक फसल उत्पादन किया जा सकता है।डाॅ0 एस0 बी0 साहा, कनीय वैज्ञानिक, मंडन भारती कृषि महाविद्यालय, अगवानपुर द्वारा फसलों में लगने वाले कीट व्याधि तथा उसके निवारण के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी।उक्त कार्यशाला में संबंद्ध अन्य विभागों यथा पशुपालन, उद्यान, मत्स्य, वन प्रमंडल, कृषि अभियंत्रण, पौधा सरंक्षण,मिट्टी जांच प्रयोगशाला, आत्मा आदि द्वारा अपने-अपने विभाग द्वारा चलायी जा रही योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गयी। उपरोक्त कार्यशाला-सह-प्रषिक्षण कार्यक्रम में सभी प्रखंडों के प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक, सहायक तकनीकी प्रबंधक, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक एवं किसान सलाहकार एवं प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। उद्घाटन कार्यक्रम में उप निदेशक (जूट) शंकर कुमार झा, ज्ञानचंद शर्मा, जिला कृषि पदाधिकारी सह परियोजना निदेशक ज्ञानचंद शर्मा, आत्मा सहरसा श्री राजेशकुमार, उप परियोजना निदेषक, आत्मा, सहरसा, डाॅ0 राधेष्याम सिंह, डाॅ0 एस0 बी0 साहा, कनीय वैज्ञानिक, मंडन भारती कृषि महाविद्यालय, अगवानपुर, सहरसा, डाॅ0 मनोज सिंह, परामर्षी, जिला कृषि कार्यालय, सहरसा, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला वन पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक, सहायक निदेषक, जिला प्रबंधक, जीविका, पौधा संरक्षण (संयुक्त कृषि निदेषक कार्यालय), श्री सोनू कुमार, सहायक निदेषक, कृषि अभियंत्रण, श्री ब्रहमदेव प्रसाद सिंह, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी सदर एवं आनन्द चौधरी,अनुमंडल कृषि पदाधिकारी संयुक्त रूप से शामिल थे।
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