पूर्णिया: ज्ञातव्य हो कि कोसी नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण पूर्णिया के क्षेत्र में पानी काफी बढ़ जाता है। बाढ़ के दिनों में रूपौली प्रखंड के कोयली सिमरा पूर्व पंचायत के चार वार्ड पूरी तरह से प्रभावित होते है। कुंदन कुमार जिला अधिकारी महोदय के द्वारा अतिसंवेदनशील स्थलों का निरीक्षण एवं ग्रामीणों को बाढ़ के दौरान होने वाली समस्याओं का संज्ञान एवं निराकरण के लिए आज दिनांक- 31.5.2023 को रुपौली प्रखंड अंतर्गत कोयली सिमरा पूर्व पंचायत स्थित प्राथमिक मध्य विद्यालय पहुंचकर ग्रामीणों से रूबरू होकर उनकी समस्याओं को जाना एवं समस्याओं के निदान के लिए संबंधित पदाधिकारियों को दिशा निर्देश दिया। ग्रामीणों ने जिला अधिकारी महोदय को बाढ़ के समय होने वाली समस्याओं को बताते हुए कहा कि गांव में बाढ़ के दौरान परिचालन के लिए उपयुक्त मात्रा में बड़ी नाव नहीं रहने से काफ़ी समस्या होती है। साथ ही बाढ़ के दौरान अगर कोई व्यक्ति सर्पदंश का शिकार हो जाता है तो उसके प्राथमिक उपचार के लिए रुपौली अस्पताल या दूसरे स्थानों पर जाना पड़ता है जिसकी दूरी काफ़ी ज्यादा है। इसी क्रम में मरीज़ के जान जाने का भी खतरा बना रहता है। इस पर जिलाधिकारी महोदय ने आगामी बाढ़ की स्थिति में बोट एंबुलेंस के माध्यम से यहां के लोगों को त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने तथा सांप काटने की दवा, कुत्ता काटने की दवा आदि उपलब्ध कराने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया ताकि बाढ़ के दौरान ऐसी घटनाओं से लोगो की जान का नुकसान न हो ।
ग्रामीणों से बातचीत में स्पष्ट हुआ कि यह पंचायत लगभग प्रत्येक वर्ष बाढ़ से प्रभावित होता है और बाढ़ का पानी यहां लगभग 3 महीनों तक जमा रहता है। जिलाधिकारी महोदय ने वहां मौजूद युवाओं को बताया कि जमे हुए पानी में मत्स्य पालन कर आप इस आपदा को अवसर में बदल सकते हैं और इसके लिए जिला प्रशासन के द्वारा आपको मत्स्य पालन की ट्रेनिंग एवं संबंधित योजना का लाभ भी मुहैया करवाया जाएगा। इसी क्रम में जिलाधिकारी महोदय ने वहां उपस्थित ग्रामीणों से वहां की शिक्षा व्यवस्था, स्कूल में उन्नयन शिक्षा हेतु टीवी स्क्रीन की उपलब्धता एवं अन्य ग्रामीणों को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं की जानकारी ली एवं संबंधित पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। जिलाधिकारी महोदय के द्वारा इसी क्रम में मरकोश धार का भी निरीक्षण किया गया एवं वहां मौजूद मत्स्य पालन करने वाले लोगों से मत्स्य पालन की जानकारी ली । निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा लोगों से पूछा गया कि यहां की जीविका का मुख्य साधन क्या है, उसमें स्पष्ट हुआ कि यहां के लोगों जीविका का मुख्य साधन मछली पालन है । मछली पालन में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए संबंधित पदाधिकारी को निर्देश दिया गया साथ ही निर्देशित किया गया कि सभी सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जाए ताकि यहां के किसान मत्स्यपालन के माध्यम से अधिक से अधिक आय प्राप्त कर सकेंगे एवं आत्म निर्भर बनेंगे। साथ ही बाढ़ से घिरे इस पंचायत के लोगों को एसडीआरएफ की टीम के माध्यम से तैराकी आदि का प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। इस मौके पर निर्देशक डीआरडीए, अनुमंडल पदाधिकारी धमदाहा, डीसीएलआर धमदाहा, वरीय उप समाहर्ता श्री दीक्षित,अंचल अधिकारी रूपौली एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
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