पूर्णिया: आम आदमी पार्टी के बिहार प्रदेश प्रवक्ता नियाज अहमद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बिहार सरकार से सवाल किया की जब बिहार में बिजली की दरें पहले से ही इतनी महंगी हैं तो फिर अप्रैल 2022 से बिजली दरों में 24.10 प्रतिशत की वृद्धि कर बिहार की गरीब जनता पर इतना अधिक आर्थिक बोझ क्यों डाला जा रहा है जबकि देश के अन्य राज्यों में बिजली की दरें बिहार की तुलना में काफी सस्ती हैं उन्होंने दिल्ली और पंजाब का उदाहरण देते हुए बताया की दिल्ली में 0-200 युनिट बिजली का बिल शुन्य आता है पंजाब में 0- 300 युनिट तक का बिल शुन्य आता है जबकि बिहार की बात करें तो बिहार में 0-100 यूनिट का बिल 7.57 प्रति यूनिट एंव 101 से उपर के सभी यूनिट का बिजली बिल प्रति यूनिट 9.10 आता है।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बिहार मे बिजली सोने के तारों से आती हैं? आखिर एक ही देश में बिजली की दरों में इतना अंतर कैसे? क्या बिहार सरकार की बिजली कम्पनियों से मिलिभगत होने के कारण बिहार में इतनी बड़ी बिजली बढोत्तरी की गई है क्योंकि बिहार मे बिजली निजी कम्पनियों के हाथों में है और निजी कम्पनियाँ ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में सरकारों पर दर वृद्धि का दबाव बनाती रहती है। आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नियाज अहमद ने बिहार सरकार से बिजली की बढी दरों को वापस लेने की मांग साथ ही साथ चेतावनी भी दी यदि बिजली की बढी दरें को वापस नहीं ली जाती हैं तो आम आदमी पार्टी पूरे प्रदेश में चरणबद्ध आंदोलन करेगी।