पूर्णिया: रानीपतरा निवासी डॉ भैरव प्रसाद मेहता का 106 वर्ष की आयु में शनिवार को निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार रविवार को हुआ। चिकित्सा के अलावा धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र के वे नामचीन शख्शियत थे। वे संतमत सत्संग से भी जुड़े थे और उनकी एक बेहतर प्रवचनकर्ता के रूप में पहचान थी। उनके निधन पर सांसद संतोष कुशवाहा ने गहरी संवेदना प्रकट करते हुए कहा है कि उन्होंने अपना अभिभावक और मार्गदर्शक खो दिया है। अब हम लोगों के बीच महात्मा गांधी के आगमन की कथा कहने वाले सदा के लिए चल बसे। उनका जीवन समाज के लिए प्रेरणा के स्रोत बने रहेंगे। श्री कुशवाहा दिल्ली में रहने की वजह से उनके अंतिम संस्कार में शामिल नही हो पाए। उनकी अनुपस्थिति में सामाजिक कार्यकर्ता शंकर कुशवाहा ने अंतिम संस्कार में शामिल होकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
गौरतलब है कि स्व0 मेहता महात्मा गांधी के करीबी अनुयायी थे। वर्ष 1934 में जब महात्मा गांधी रानीपतरा आये थे तो उनके लिए मंच संयोजन की जिम्मेवारी का बखूबी निर्वाह स्व मेहता ने ही किया था। वे ताउम्र शोषितों और वंचितों के हित मे काम करते रहे। उनके निधन पर संवेदना व्यक्त करने वालों में शंकर कुशवाहा ,जिला परिषद उपाध्यक्ष छोटू सिंह, जिला पार्षद राजीव सिंह, एसके विमल, महेश सिंह, प्रोफेसर कमलेश्वरी मेहता, शंभू प्रसाद मेहता, आनंदी मेहता, डॉक्टर राजेंद्र मेहता, बैजनाथ मेहता, बबलू कुमार, मोहन कुमार मेहता, अवधेश कुमार, राजेंद्र मेहता, अशोक मेहता, शंकर मेहता, अचिन मेहता, बलबीर शाह, मौलवी शमसुद्दीन, मौलवी लुकमान, गुंजन सिंह, मुखिया प्रतिनिधि पिंटू वर्मा, मुस्लिम दीवान, विनय सिंह, प्रोफेसर चंदन विश्वास, सुमन जी, आनंद कुमार साह, शैलेंद्र मेहता, सिंघेश्वर मेहता, दिलीप मेहता, विनोद मेहता,अनिता कुमारी ,कांता सिन्हा आदि थे।
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