- ई-टेलीकंस्लटेंसी में 21 सौ से अधिक मरीजों का किया गया उपचार:
- ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रही है ई-टेलीकंस्लटेंसी: सिविल सर्जन
- टेलीमेडिसिन से ग्रामीण क्षेत्र के मरीज़ों के चेहरे पर देखी जा सकती है मुस्कान: डीपीसी
- ई-संजीवनी से चिकित्सकों द्वारा की जाती है ऑनलाइन काउंसिलिंग: डीएमएनई
पूर्णिया: जिले में स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीमेडिसीन की सुविधा दी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण एवं सुदूर क्षेत्रों के व्यक्तियों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर ई-संजीवनी के माध्यम से टेलीमेडिसीन से चिकित्सीय परामर्श मुहैया कराई जा रही है। ई-संजीवनी के माध्यम से सभी ग्राम स्वास्थ्य सेवाओं के साथ प्रखंड क्षेत्र के कई ग्रामीण इलाकों यथा सभी वीएचएसएनडी सत्र स्थल सहित, आंगनबाड़ी केंद्रों, पंचायतों एवं अन्य क्षेत्रों में अब तक काफी संख्या में मरीजों को टेलीमेडिसीन चिकित्सा व्यवस्था का लाभ स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिया गया है। प्रत्येक महीनें के पहला एवं तीसरे बुधवार को विशेष रूप से टेलीकंस्लटेंसी का आयोजन किया जाता है। जबकिं शेष सभी दिन इसकी सेवाएं सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध कराई जाती है। बुधवार के दिन सबसे अधिक पूर्णिया पूर्व पीएचसी में 346 टेलीकंस्लटेंसी हुआ है जबकिं बी कोठी के चिकित्सक डॉ प्रमोद कुमार हमेशा की तरह इस बार भी अकेले 264 मरीज़ों को सेवाएं दी है। वहीं पूर्णिया पूर्व पीएचसी की सीएचओ शशिप्रभा एवं बी कोठी की सीएचओ भारती के द्वारा 60-60 कंसल्टेंसी किया गया है।
- ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रही है ई-टेलीकंस्लटेंसी: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि मंगलवार को जिले के 23 हब जबकि 456 स्पोक के माध्यम से 2106 से अधिक मरीजों को चिकत्सकीय परामर्श दिया गया है। मरीजों को इसके साथ हीं ऑनलाइन उचित परामर्श भी दिया गया है। जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी आलोक कुमार, जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ सुधांशु शेखर सहित जिले के सभी एमओआईसी एवं बीएचएम के द्वारा समीक्षा के साथ ही आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिया गया। टेलीमेडिसीन सेवा के माध्यम से घर बैठे समस्याओं का समाधान आसानी से संभव हो जाता है। हालांकि वर्तमान समय को देखते हुए लोगों को अपने नजदीकी टेलीमेडिसिन स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज कराने में सुविधाएं मिल रही हैं। क्योंकि इसके माध्यम से अनावश्यक ख़र्च के साथ ही समय की भी बचत होती है।
- ई-संजीवनी के माध्यम से चिकित्सकों द्वारा की जाती है ऑनलाइन काउंसिलिंग: डीएमएनई
जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी (डीएमएनई) आलोक कुमार ने बताया कि ई-संजीवनी के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श की सुविधाएं आसानी से उपलब्ध कराई जाती हैं। इससे चिकित्सकों द्वारा ऑनलाइन काउंसिलिंग की जाती है। मरीजों के लक्षण व बीमारियों से संबंधित जानकारी लेकर हब में बैठे चिकित्सकों द्वारा तत्काल उचित परामर्श दी जाती है। इसके साथ ही परामर्श के अनुरूप निःशुल्क दवा भी उपलब्ध करायी जा रही है। टेलीमेडिसिन स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की एक उभरती हुई टेक्नोलॉजी है, जो चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मियों को इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए कुछ दूरी पर बैठे रोगी की जांच करने और उसका उपचार करने में मदद करता है।
- टेलीमेडिसिन से ग्रामीण क्षेत्र के मरीज़ों के चेहरे पर आसानी देखी जा सकती है मुस्कान: डीपीसी
जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) डॉ सुधांशु शेखर ने बताया कि ई-टेलीमेडिसिन के माध्यम से सभी 456 स्पोक्स पर आने वाले मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श के साथ-साथ तत्काल दवाएं भी दी जाती हैं। इस सुविधा से अब घर बैठे ही मरीजों के कई प्रकार की बीमारियों का इलाज किया जा रहा है। जिससे उनके चेहरों पर खुशी देखी जा रही है। ग्रामीणों क्षेत्रों के लिए टेलीमेडिसिन की सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने से दूर-दराज के मरीज़ों को काफी हद तक लाभ मिल रहा है। क्योंकि इसके माध्यम से प्रशिक्षित चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा उचित परामर्श दिया जाता जबकि दवा की उपलब्धता से मरीजों को काफी राहत मिल रही है। टेलीमेडिसिन सेवा वह सेवा है जिसमें अनुभवी स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा तकनीक का उपयोग करके ऐसे स्थानों पर रोगों की जांच, उपचार, बीमारियों की रोकथाम, मूल्यांकन आदि की सेवा प्रदान करना है, जहां रोगी और चिकित्सकों के बीच काफी दूरी होती।
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