पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: डीएम साहब आजादी के बाद पहलीबार कोशकीपुर आए जरूर, परंतु नेताओं की तरह सिर्फ भाषण देकर चले गए। अबतक उनके द्वारा कही गई बातों पर अमल नहीं किया गया है। उक्त बातें ग्रामीण सह सामाजिक कार्यकर्त्ता जैल सिंह ने दुख व्यक्त करते हुए कही। यह बता दें कि 31 मई को बाढ प्रभावित एवं गरीबी से जूझते कोशकीपुर गांव में आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद कोई डीएम यहां आए थे, जिससे यहां के लोगों में काफी खुशियां व्याप्त थी तथा वे अब अपने को धन्य मानते हुए आशा करने लगे थे कि इस गांव का कल्याण होगा। डीएम कुंदन कुमार ने मछुआरों के कल्याण के लिए तथा मखाना खेती के लिए किसानों को अनेक कल्याणकारी योजनाओं एवं सरकारी सहायता देने का वचन दिया था, परंतु दस दिन बीत जाने के बाद भी अबतक यहां कोई भी पदाधिकारी के नहीं पहूंचने से ग्रामीणों में निराशा के भाव दिखने लगे हैं तथा मानने लगे हैं कि डीएम भी नेताओं की तरह भाषण देने लगे हैं।
कुछ इसी तरह की बातों को लेकर यहां के सामाजिक कार्यकर्त्ता जैल सिंह ने निराशा जताते हुए कहा कि मछुआरों के इस गांव में डीएम के आने से एक आशा की किरण दिखाई पडी थी। लोगों को लगा था कि कोई उनका उद्धार करने यहां पहूंचा है। परंतु जैसा होताआया है कि अधिकारी हों या फिर नेता सभी सिर्फ भाषण देने के लिए ही बने हैं। उन्होंने डीएम से मांग की कि वे मत्स्य विभाग को यहां भेजें तथा उन्हें यहां के मछुआरों के कल्याण के लिए उन्हें प्रशिक्षण दें तथा जागरूक करें, ताकि वे इस यहां के मछुआरों की जिंदगी में भी बहार आ सके। इनकी गरीबी खत्म हो सके।
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