पूर्णियाँ, वि० सं० अरुण कु० सिंह: वरीय अधिवक्ता स्व० अरुण प्रसाद अम्बष्ट को दी गई भाव-भीनी श्रद्धांजलि। वे लगभग एक महीने से बीमार चल रहे थे। उनका निधन 24 जनवरी 2024 की रात्रि 10:30 बजे पुर्णिया के मधुबनी स्थित आवास पर हो गया। परंपरा के अनुसार 25 जनवरी को उनके प्रति शोक-संवेदना व्यक्त करते हुए जिला अधिवक्ता संघ के तमाम अधिवक्ताओं ने अपने-आप को न्यायिक कार्यों से अलग रखा। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अवधेश तिवारी की अध्यक्षता में दिन के 01:30 बजे संघ के प्रशाल में एक शोक-सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर संघ के प्रभारी सचिव सुमन जी प्रकाश एवं अन्य अधिवक्ता गण उपस्थित थे। इस मौके पर संघ के अध्यक्ष अवधेश तिवारी के अलावे संघ के पूर्व अध्यक्ष एवं वरीय अधिवक्ता बिभाकर सिंह, वरीय अधिवक्ता ए० के० एम० ए० मन्नान कुरैशी एवम वरीय अधिवक्ता पी० एस० पराग ने भी अपने-अपने उद्गार व्यक्त किये। सभी ने उन्हें इस छेत्र के रिवेन्यू मामलों का विशेष बतलाया।
उनका आकस्मिक निधन सिर्फ पूर्णिया के लिए ही नहीं वल्कि सम्पूर्ण विधि व्यवसाय के लिए अपूरणीय छती है। स्व० अम्बष्ट के बारे में जानकारी देते हुए संघ के अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने वर्ष 1970 में पूर्णिया जिला अधिवक्ता संघ की सदस्यता ग्रहण की थी। बाद में वे उच्च न्यायालय पटना में विधि व्यवसाय करने लगे। लगभग 77 वर्ष की अवस्था में उनका स्वर्गवास हो गया। वे अपने पीछे विधवा पत्नी रेणु अमबष्ट व 2 पुत्र एवं 1 पुत्री छोड़ गए हैं। बड़ा पुत्र राजीव रंजन उर्फ टुन्ना अपने ही संघ में अधिवक्ता है। जबकि छोटा पुत्र रुपेश रंजन उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में जिला एवं सत्र न्यायाधीश है। उनकी सभी संतानें शादी-सुदा हैं एवम सुखमय जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उधर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायिक कक्ष में भी संध्या 04.00 बजे एक संयुक्त शोक-सभा का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में न्यायिक पदाधिकारी और अधिवक्ता गण शामिल हुए तथा 2 मिनट का मौन रखकर स्व० अरुण प्रसाद अम्बष्ट के आत्मा की शांति हेतु श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।
Tiny URL for this post: