पटना: राजधानी पटना में एक दरोगा ने गोली लगने के बाद भी तीन अपराधियों को पकड़ा है। दरोगा के इस कारनामे को लेकर एसएसपी ने उन्हें पुरस्कृत किए जाने का एलान किया है। दरअसल राजधानी पटना के बेऊर थाना क्षेत्र स्थित बेऊर मोड़ के समीप कुछ अपराधी मोबाइल टावर की बैट्री चुरा रहे थे। इसी दौरान उनके पकड़ने पहुंचे सब इंस्पेक्टर फूलन राम पर अपराधियों ने गोलियों से हमला कर दिया। अपराधियों द्वारा चलाई गई गोली दरोगा फूलन राम के हाथ में लग गई और वे घायल हो गए। जख्मी होने के बावजूद उन्होंने साहस नहीं खोया और करीब 400 मीटर पीछा कर तीन बदमाशों को दबोच लिया। गिरफ्तार अपराधियों की पहचान नालंदा निवासी संतोष कुमार और गौरीचक के रहने वाले रंधीर राम और रंजीत राम के रूप में हुई है। रंधीर और रंजीत सगे भाई हैं। संतोष पर पटना सहित बिहार के अन्य जिलों में एक दर्जन से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं। जबकि चार अपराधी फरार होने में सफल हो गए। पुलिस ने आरोपितों के पास से एक कट्टा, दो कारतूस, दो खोखा, दो वाहन और चोरी की गई 33 बैट्री बरामद की है।
एसएसपी राजीव मिश्रा ने बहादुरी के लिए फूलन राम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है। एसपी पश्चिमी राजेश कुमार ने बताया कि फरार आरोपितों की तलाश में छापेमारी की जा रही है। रविवार की आधी रात सात हथियारबंद बदमाश बेऊर मोड़ की कृष्ण विहार कालोनी स्थित टेलीफोन टावर की बैट्री चुराने पहुंचे थे। वहीं, एक गैराज में गैराज के मालिक न्यू इतवारपुर निवासी मुन्ना प्रसाद व मिस्त्रत्त्ी सुनिल कुमार सो रहे थे। शोर ना मचाए इसलिए अपराधियों ने मारपीट कर दोनों के हाथ-पैर गमछे से बांधकर दोनों को बंधक बना लिया। बाद में अपराधी बैट्री की चोरी करने लगे। इसी बीच गैराज में मारपीट होती देख किसी ने घटना की सूचना डायल-112 और बेऊर थाने को दी। बंधक व चोरी की सूचना पर बेऊर थाने के एसआई फूलन राम व अन्य कर्मी मौके पर गए। डायल 112 की टीम भी वहां पहुंची। पुलिस के घटना स्थल पर पहुंचते ही गिरफ्तारी के डर से बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिसकर्मियों ने भी जवाब में बदमाशों पर गोलियां दागनी शुरू कर दी। पुलिस को हावी होते देख अपराधी भागने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दोनों और से तीन-तीन गोलियां चली। इसी दौरान बदमाशों की एक गोली एसआई फूलन राम के हाथ में लगी। जख्मी होने के बावाजूद एसआई व पुलिसकर्मियों ने करीब 400 मीटर पीछा कर तीन अपराधियों संतोष कुमार उर्फ संतोष राम, रंधीर राम और रंजीत राम को धर दबोचा। अन्य चार अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए।
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