पटना: नीतीश कुमार के शासनकाल में शैक्षणिक क्षेत्र में व्यापक और क्रांतिकारी परिवर्तन आए हैं। नीतीश कुमार ने विशेष अभियान चलाकर गरीब व कमजोर वर्गों के बच्चों को स्कूल तक पहुंचाया। साथ ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बच्चों को मिल सके इसके लिए भी सरकार का प्रयास निर्णायक और कारगर साबित हुआ है। राज्य सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उक्त बातें बीते रविवार को पार्टी मुख्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के तत्वावधान में आयोजित ‘शिक्षा संवाद’ को संबोधित करते हुए बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कही। उन्होंने कहा की बीपीएससी से उत्तीर्ण हुए शिक्षकों का बौद्धिक स्तर और आत्मविश्वास ऊंचा होता है। प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से बेहतर शिक्षक निकलकर सामने आएंगे जो समाज निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। बिहार में आज पंचायत स्तर तक प्लस टू विद्यालय खुल चुका है।
मौके पर राज्यसभा सांसद बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि अगले कुछ महीने में लोकसभा का चुनाव होने वाला है। इस चुनाव में जाने से पहले शिक्षा प्रकोष्ठ के साथियों को अपनी तैयारी पूरी करनी है। हम जो बचपन से जानते और सुनते आ रहे हैं उसे भी गलत साबित करने और ढंकने का प्रयास किया जा रहा है। देश में शिक्षा के मूल स्वरूप को बदलने का अभियान चल रहा है। प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि समाज एवं नई पीढ़ी के संस्कार के निर्माण में शिक्षा प्रकोष्ठ की भूमिका सबसे अहम है। कार्यक्रम में शिक्षा प्रकोष्ठ के सभी प्रदेश पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष, नगर अध्यक्ष, प्रखंड अध्यक्ष एवं विभिन्न जिलों से प्रमुख पदाधिकारीगण शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमरदीप ने की। मौके पर जदयू नेता संजय कुमार सिंह ‘गांधी जी’, ललन सर्राफ, डॉ. राजवर्धन आजाद, चंदन कुमार सिंह आदि मौजूद थे।
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