सहरसा, अजय कुमार: लौकही के बाबा ब्रह्म स्थान में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा पांच दिवसीय श्री हरि कथा आयोजन किया गया है। मंगलवार के दिन संस्थान संस्थापक व संचालक दिव्य गुरु सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या विदुषी साध्वी सुश्री सुमति भारती ने कहा कि मानव के जीवन की व्यथा और हरि की कथा का अंत नही है। हरि अनंत हरि कथा अनंता गावहि सुनहि बहु बिधि सब संता। अनन्त हरि की कथा को सब अपने अपने ढंग से कहते है परंतु जिस कथा से मानव के जीवन की व्यथा समाप्त हो जाये वास्तविक में वही कथा कथा है। भागवत में कथा है कि राजा परीक्षित को श्राप मिलता है कि सांतवें दिन तक्षक के डसने से तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी। कथा कहती है कि राजा परीक्षित को जब सुखदेव मुनि ने कथा सुनाई तो जीवन की व्यथा समाप्त हो गयी। कौन सी व्यथा समाप्त हुई ? संत समझाते है कि मानव की एक ही व्यथा है बार -बार गर्भ में पलना और बार-बार चिता की अग्नि में जलना। इस व्यथा का अंत सत्संग ही कर सकती है इसलिए तुलसी बाबा कहते है।सत्संगति संसृति कर अन्ता।
सत्संग का फल ऐसा है कि यहां कौआ भी कोयल और बगुला हंस बन जाता है। तभी तो डाकू रत्नाकर सत्संग के प्रभाव से बाल्मीकि बन गए। अंगुलिमाल डाकू संत अहिंसक बन गए। ऐसा नहीं है कि ये सारी बातें ग्रंथों में लिखी है। ऐसा आज भी होता है गुरुदेव सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की कृपा से आज भी ऐसे अनेकों दुर्दांत अपराधी इस सत्संग को प्राप्त कर संतत्व का जीवन जी रहे है। प्रश्न है सत्संग क्या है? उन्होंने कहा कि सत्संग कथाओं को सुनना नही है वरन सत्संग को सत्य का संग है अर्थात ईश्वर का साक्षात्कार करना है। जब जीवन मे पूर्ण गुरु आता है तब ही ईश्वर का साक्षात्कार हो पाता है। इसलिए आवश्यकता है हमें भी सुखदेव मुनि जैसे गुरु मिल जाये। और हम भी अपने जीवन की व्यथा को अंत कर पाएं। मंच पर बिहार झारखंड संयोजक स्वामी यादवेंद्रानन्द, महामाया भारती, शीतली भारती, निगम भारती, गोपाल, रामचन्द्र, चंदन,धीरज उपस्थित थे। इस मौके पर सुभाष राय, उमेश पासवान, डॉ रामनरेश पासवान, लक्ष्मी राम, ललन यादव कार्यक्रम की सफलतापूर्वक आयोजन मे सक्रिय रूप से सराहनीय योगदान दे रहे हैं।
![दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा पांच दिवसीय श्री हरि कथा का हुआ आयोजन Five day Shri Hari Katha organized by Divya Jyoti Jagruti Sansthan](http://angindianews.com/wp-content/uploads/2023/05/IMG-20230502-WA0008-576x1024.jpg)
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