पटना: एक ओर जहां सीएम नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करने में जुटे है। वहीं उनकी खुद की पार्टी और उनके करीबी नेता का ही पार्टी से मोहभंग हो रहा है। आज पार्टी के पूर्व एमएलसी रणवीर नंदन ने बुधवार को जदयू से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को अपना इस्तीफा भेज दिया। भेजे इस्तीफा में एक लाइन में कहा है कि मैं जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूँ। उन्होंने इस्तीफा देने के कारणों का फ़िलहाल खुलासा नहीं किया है। गौरतलब है कि रणवीर नंदन की पहचान सीएम नीतीश कुमार के काफी करीबी नेता के रूप में रही है। यहां तक कि उनके द्वारा आयोजित कई पूजा समारोहों में नीतीश कुमार जाते रहे हैं। ऐसे में एक ओर सीएम नीतीश देश भर में विपक्ष को एकजुट करने में लगे हैं तो दूसरी ओर उनकी अपनी ही पार्टी में बड़ा उलटफेर हुआ है। रणवीर नंदन ने हाल के दिनों में कई ऐसे संकेत दिए थे जिसमें उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर एकजुट हुए विपक्षी दलों को निशाने पर लिया था। पिछले दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विदेश में जाकर भारत की दलीय राजनीति पर चर्चा करने पर उनकी आलोचना की थी।
उन्होंने 11 सितम्बर को विदेश में जाकर भारत की दलीय राजनीति की चर्चा करने के लिए राहुल गांधी की आलोचना की थी। वहीं 17 सितम्बर को रणवीर नंदन ने पीएम मोदी के जन्मदिन पर उन्हें बधाई दी थी। इतना ही नहीं उन्होंने पीएम मोदी और सीएम नीतीश दोनों को विकास के लिए प्रतिबद्ध बताते हुए उन्हें फिर से एक साथ आने की अपील की थी। पूर्व एमएलसी के पिछले कुछ समय से लगातार पार्टी की विचारधारा से अलग जाकर की जा रही टिप्पणियों से यह माना जा रहा था कि वे कुछ बड़ा धमाका कर सकते हैं। अब उन्होंने जदयू छोड़ने की घोषणा कर पार्टी को बड़ा झटका दिया है। रणवीर नंदन की छवि पार्टी में एक शिक्षाविद की रही है। डॉ रणवीर नंदन राजनीति के सक्रिय रहने के साथ ही शिक्षण के पेशे से जुड़े रहे हैं। वे बीएन कॉलेज पटना में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। ऐसे में खुद को जदयू से अलग करने का उनका फैसला बिहार में नीतीश कुमार को बड़ा झटका है।
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