आनंद मोहन की रिहाई का विरोध कर रहीं केस की पिटीशनर और पूर्व डीएम की पत्नी उमा देवी कृष्णैया ने एक एडिशन री-ज्वॉइंडर पिटीशन फाइल की है। जिसमें उन्होंने गुजरात के बिलकिस बानो केस का हवाला देते हुए पूर्व सांसद की रिहाई का विरोध किया है।
नई दिल्ली/पूर्णिया/सहरसा: पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अब नई तारीख पर सुनवाई होगी। सीनियर एडवोकेट एपी सिंह के अनुसार आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। केस 27वें नंबर पर थी और 24वें तक ही सुनवाई हुई। अब इस नई तारीख मिलेगी और फिर सुनवाई होगी। इससे पहले 11 अगस्त को केस की सुनवाई थी, जहां कोर्ट ने बिहार सरकार को इस मामले में एडिशनल काउंटर एफिडेविट फाइल करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि 26 सितंबर की सुनवाई में बेंच पूरी बातों को सुनेगी। बड़ी बात ये है कि आनंद मोहन की रिहाई का विरोध कर रहीं केस की पिटीशनर और पूर्व डीएम की पत्नी उमा देवी कृष्णैया ने एक एडिशन री-ज्वॉइंडर पिटीशन फाइल की है। जिसमें उन्होंने गुजरात के बिलकिस बानो केस का हवाला देते हुए पूर्व सांसद की रिहाई का विरोध किया है।
- आनंद मोहन के खिलाफ चल रहे केस की जानकारी मांगी
इस री-ज्वॉइंडर पिटीशन के जरिए उमा कृष्णैया ने कहा है कि जिस तरह से बिलकिस बानो केस के अभियुक्तों को आउट ऑफ टर्न जाकर छोड़ा गया। उसी तरह बिहार सरकार ने भी मेरे पति और गोपालगंज के पूर्व डीएम जी कृष्णैया की हत्या में दोषी आनंद मोहन को रिहा किया गया। राज्य सरकार ने उन्हें रिहा करने के लिए सारे नियम ही बदल दिए। सरकार ने आउट ऑफ वे जाकर काम किया है। इनकी एडवोकेट तान्या श्री के अनुसार, एडिशनल री-ज्वॉइंडर पिटीशन के जरिए उमा देवी कृष्णैया ने आनंद मोहन की रिहाई का विरोध किया है। साथ ही आनंद मोहन के खिलाफ जितने क्रिमिनल केस बिहार के अलग-अलग थानों में दर्ज है। उनकी संख्या और स्थिति बताने की भी अपील की है। उनका आरोप है कि राज्य सरकार इसे छिपाने में जुटी है।
- सुनवाई पर सबकी नजर
इस महत्वपूर्ण सुनवाई पर बिहार से लेकर दिल्ली तक सबकी नजरें टिकी थी। आनंद मोहन की तरफ से सीनियर एडवोकेट एपी सिंह पक्ष रखते। साथ ही बिहार सरकार के फैसले को बरकरार रखने की मांग कोर्ट से करते। वे उमा देवी कृष्णैया की तरफ से रिहाई को कैंसिल किए जाने की मांग का विरोध करने वाले थे।
- 16 साल जेल में बिताने के बाद 27 अप्रैल को हुई है आनंद मोहन की रिहाई
आनंद मोहन पर गोपालगंज के DM रहे जी कृष्णैया की हत्या में शामिल होने के दोषी थे। इस मामले में उम्र कैद की सजा के तौर पर उन्होंने 16 साल जेल में बिताए। बिहार सरकार ने 10 अप्रैल को कारा नियमों में बदलाव किया, जिसके बाद उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया। 27 अप्रैल को उनकी रिहाई हो गई।
- क्या है बिलकिस बानो केस जिसका दिया गया हवाला
2002 में गोधरा ट्रेन जलाने की घटना के बाद भड़के सांप्रदायिक दंगों के डर से भागते समय बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप किया गया था। तब उनकी उम्र 21 साल थीं। वे पांच महीने की प्रेग्नेंट भी थीं।दंगाइयों ने बिलकिस की मां समेत चार और महिलाओं का भी रेप किया। इस दौरान हमलावरों ने बिलकिस के परिवार के 17 सदस्यों में से 7 लोगों की हत्या कर दी। इनमें बिलकिस की तीन साल की एक बेटी भी थी। वहीं, 6 लोग लापता हो गए, जो कभी नहीं मिले। हमले में सिर्फ बिलकिस, एक शख्स और तीन साल का बच्चा ही बचे थे। इस मामले में 11 लोगों को दोषी ठहराया गया था। 15 अगस्त 2022 को गुजरात सरकार ने सभी दोषियों को जेल से रिहा कर दिया था।
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