पूर्णियाँ, वि० सं० अरुण कु० सिंह: दहेज हेतु पत्नी की हत्या करने के मामले में दोषी पाए गए अभियुक्त को 7 वर्ष कैद एवं 3 हजार रुपए आर्थिक दंड की सजा सुनाई। भा०द०वि० की अन्य विभिन्न धाराओं में भी अभियुक्त दोषी पाया गया और उसके लिए भी सजा सुनाई गई, परंतु अधिकतम सजा 7 वर्ष की है और सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी। सजा पाने वाला अभियुक्त है, पूर्णिया जिले के बायसी थाना क्षेत्र निवासी मो० असलम। अभियुक्त 13 दिसम्बर 2017 से जेल ही में है। जेल में बिताई गई अवधि को सजा में समायोजित किया जाएगा। यह सजा पूर्णियां के पंचम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव रंजन सहाय ने सुनाई है। मामला सत्र वाद संख्या 12/2020 का है जो बायसी थाना कांड संख्या 247/2017 पर आधारित था। घटना के बारे में बताया गया कि 1 लाख रुपया नगद और चार पहिया वाहन नहीं देने के कारण मोहम्मद असलम ने अपनी पत्नी की चाकू मार कर हत्या कर दिया। मृतका तबस्सुम आरा की शादी घटना के करीब 6 वर्ष पूर्व बायसी थाना क्षेत्र के मो० असलम के साथ हुई थी। आरंभ में सब ठीक-ठाक रहा। शादी के कुछ दिनों के बाद से मृतिका को दहेज के लिए प्रताड़ना किया जाने लगा। मृतिका के मां-बाप और भाई बीच-बीच में जाकर पति और ससुराल वालों को समझा बुझा देते थे।
इस मामले को लेकर पंचायती में भी अभियुक्त को समझाया बुझाया गया था। परंतु वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। अंततः तंग आकर मृतिका 9 दिसंबर 2017 को मायके आ गई और 12 दिसंबर 2017 को वह बी०ए० सेकंड पार्ट की परीक्षा देने अपने भाई मो० अंसार के साथ मोटरसाइकिल से डी० एस० कॉलेज कटिहार गई थी गई थी। वापसी में संध्या 5:15 बजे बायसी पूरव चौक से अमौर जाने वाले रास्ते के पास पहले से घात लगाकर बैठे पति मो० असलम (अभियुक्त) ने मोटरसाइकिल से खींचकर सीने में चाकू से वार कर दिया फलस्वरुप वह बेहोश होकर गिर पड़ी। विरोध करने पर उसके भाई को भी घायल कर दिया। इलाज के क्रम में तबस्सुम आरा की मौत सदर अस्पताल पूर्णिया में हो गई। इस मामले में 15 गवाहों की गवाहियां न्यायालय में दर्ज कराई गई, जिसके आधार पर दोषी पाए जाने के बाद अभियुक्त को उपरोक्त सजा सुनाई गई। इस मुकदमे को अभियोजन पक्ष की ओर से संचालित कर रहे थे अपर लोक अभियोजक ओमप्रकाश पासवान।
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