पूर्णिया: पवन तनय संकट हरन मंगल मूर्ति रूप / राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुरभूप…
इन दिनों हर तरफ प्रभु श्री राम के पुनः अयोध्या लौटने का खुमार छाया हुआ है। अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के उद्घाटन की खुशी भारतवर्ष में हर तरफ देखी जा रही है । सबों का ऐसा मानना है कि मंदिर के निर्माण से एक माईने में पुन: प्रभु रामचंद्र की वापसी अयोध्या नगरी में हुई है और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का यह मंदिर आने वाले कल में भारत में अवस्थित वैश्विक प्रतीक के रूप में जाना जाएगा। इसी विचारधारा के तहत पूर्णिया के जाने-माने कलाकार, लिम्का बुक अवार्ड व बिहार कल सम्मान के तहत राधा मोहन पुरस्कार से सम्मानित चित्रकार, राजीव राज ने भी अपनी तूलिका से इस पावन अवसर को दर्शाने के लिए एक ऐसे चित्र को चित्रित किया है, जिसमें यह दर्शाया गया है कि, इस राम मंदिर के उद्घाटन के पावन अवसर पर राम के अनन्य भक्त प्रभु हनुमान भी हाथों में राष्ट्रपुष्प लेकर अपने आराध्या प्रभु श्रीराम को अर्पित करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं, इस तस्वीर की खास बात यह है कि इस तस्वीर के केनवास पर बार बार राम नाम को इसके बैकग्राउंड में दर्शाया गया है और इस लेखन में जो रंग उपयोग में लाया गया है उसे तैयार करने में स्वर्ण भस्म को प्रयोग में लाया गया है ।साथ ही लाल देही हुनुमान जी अपने अराध्य को कमल पुष्प अर्पित करते हुए इस मंदीर में वैभव लक्ष्मी के वास होने का संदेश भी दे.रहे हैं । चित्रकार राजीव राज की यह सोच अनुपम तो है ही, साथ ही मौके पर हर्ष प्रकट करने का एक कलात्मक नजरिया भी है ।
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