पूर्णिया/अरुण कु० सिंह : हत्या के मामले में दोषी पाए गए अभियुक्त को आजीवन कारावास और 20 हजार रुपए आर्थिक दंड की सजा सुनाई गई। सजा पाने वाला अभियुक्त है, पूर्णिया जिले के धमदाहा थाना अंतर्गत सोरकाही गांव का रहने वाला चन्दर मुखिया। आर्थिक दंड की राशि अभियुक्त द्वारा जमा नहीं करने पर अभियुक्त को एक माह अतिरिक्त साधारण कारावास झेलना होगा। अभियुक्त द्वारा जेल में बिताई गई अवधि को उसकी सजा की अवधि में समायोजित किया जाएगा।
यह सजा द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अतुल कुमार सिंह की अदालत में सत्र वाद सं० 718/2005 के तहत सुनाई गई। मामला धमदाहा थाना कांड संख्या 33/2002 पर आधारित था। मृतक दिलो मुखिया की पत्नी शांति देवी ने थाने में मुकदमा दर्ज की थी, कि 02 अप्रैल 2002 को रात्रि 8:00 बजे अचानक चार बदमाश उसके घर पर हथियार से लैस होकर आ धमके और मृतक दिलो मुखिया के भतीजे चंदन मुखिया को पकड़ने की कोशिश करने लगे। चंदन मुखिया पकड़ में नहीं आया और वह हल्ला करते हुए भाग गया।
मुद्दैया का पति दिलो मुखिया ने आवाज लगा कर पूछा कि कौन है, तो दिनो मुखिया ने उसके पति के सीने में गोली मार दी जिससे उसके पति की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। भागने के क्रम में एक अन्य बदमाश चन्दर मुखिया को भी पहचानी, दो को नहीं पहचान पाई। पर चेहरा देखकर उसने पहचान लेने का दावा किया। घटना का कारण जमीन संबंधी विवाद के अतिरिक्त दिनो मुखिया को शंका था, की उसकी पत्नी से दिलो मुखिया (मृतक) का नाजायज संबंध था।
इस मुकदमे में कुल सात गवाहों की गवाही कराई गई। अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में प्रस्तुत गवाहों की गवाही एवं अभिलेख पर उपलब्ध अन्य साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त को दोषी पाए जाने के बाद उपरोक्त सजा सुनाई गई। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मुकदमे को संचालित कर रहे थे, अपर लोक अभियोजक राहुल राजा।
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