पूर्णिया: दिनांक 06 फरवरी, 2024 को विकसित भारत अभियान @2047 अंतर्गत भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णियाँ में मक्का उत्पादन तकनीक के द्वारा रोजगार एवं आय में वृद्धि की संभावनाएं विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का शुभारंभ बिसा, पुसा एवं धानुका एग्रीटेक लि.के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ0 दुनिया राम सिंह ने किया। मुख्य अतिथि जिलाधिकारी, पूर्णिया कुन्दन कुमार, विशिष्ट अतिथि मक्का प्रजनक एवं पूर्व निदेशक, भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली डॉ0 सांई दास, प्रधान मक्का प्रजनक, भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान, लुधियाना के डॉ0 रमेश कुमार, निदेशक अनुसंधान, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के डॉ0 अनिल कुमार सिंह, भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली की मक्का कीट वैज्ञानिक डॉ0 सूबी, बिसा पुसा के डॉ0 राज कुमार जाट सहित देश के अन्य राज्यों जैसे हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, उ.प्र., उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, कर्नाटक झारखंड के मक्का अनुसंधान एवं विकास से जुड़े वैज्ञानिक के साथ-साथ कोसी एवं सीमांचल क्षेत्र के मक्का उत्पादक किसान, उद्यमी, गैर सरकारी संस्थान के प्रतिनिधिगण शामिल हुए। सभी अतिथियों एवं वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। सह अधिष्ठाता-सह-प्राचार्य, डॉ0 पारस नाथ ने अपने स्वागत भाषण में विगत 13 वर्षो के महाविद्यालय की उपल्बधि पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए महाविद्यालय के शिक्षा,शोध, प्रसार एवं प्रशिक्षण के बारे में विस्तार पुर्वक जानकारी दिया साथ ही साथ बताया कि दो दिवसीय सेमिनार में आज कुल 45 वैज्ञानिको द्वारा मक्का उत्पादन तकनीक, प्रसंस्करण, मूल्यवर्द्धन एवं विपणन विशेष तकनीकी सत्र में प्रस्तुतिकरण के माध्यम से अपने अपने शोध के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ0 दुनिया राम सिंह वचुवल मोड में अपने अध्यक्षीय संबोधन में महाविद्यालय द्वारा इस दो दिवसीय सेमिनार के सफलता की शुभकामनाए देते हुए कहा कि मक्का के उत्पादन और उत्पादकता बढाने के साथ साथ किसान भाईयों के आमदनी केसे बढे इस पर हमें विशेष ध्यान देने के आवश्यकता है। दो दिन की इस सेमिनार में आशा है की कुछ नई तकनीक, नई जानकारी किसान हित में निकल कर सामने आएगी। मुख्य अतिथि जिलाधिकारी, पूर्णिया कुन्दन कुमार, द्वारा अपने संबोधन में उन्होने कहा कि हमारे किसान बन्धु मक्का के साथ साथ बैबिर्कोन और स्वीट र्कोन की खेती कर अपने मुनाफे में इजाफा कर सकते है। उन्होने किसानों को कहा कि 80 प्रतिशत क्षेत्र में मक्का की परम्परागत खेती के साथ अपने 20 प्रतिशत क्षेत्र में आधुनिक फसल प्रणाली के तहत डैगन फ्रुट,स्टॉबैरी, मशंरूम, पशुपालन, मत्स्यपालन इत्यादि समेकित फसल प्रणाली को अपनाकर अपनी आय में गुणोत्तर वृद्वि कर सकते है। मक्का के अपने नये फसल की मक्का आधारित र्स्टाटअप के क्षेत्र में छात्र/छात्राओं एवं युवाओं को आगे आने के लिए प्रोस्ताहित किया। विशिष्ट अतिथि मक्का प्रजनक एवं पूर्व निदेशक, भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली डॉ0 सांई दास, ने कहा कि बिहार में रबी मक्का की विशिष्ट पहचान है, इस क्षेत्र में मक्के के द्वारा इथेनॉल उत्पादन की असीम संभावना है और मक्का की फसल को विदेशो की तरह औद्योगिक फसल का दर्जा देने का अनुरोध किया। प्रधान मक्का प्रजनक, भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान, लुधियाना के डॉ0 रमेश कुमार, ने अपने भाषण में कहा अन्य प्रदेशो के तरह बिहार में भी सरकार द्वारा मक्के की क्षेत्र में किसान लाभदायक योजनाओं को बढावा दिया जाए। बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के डॉ0 अनिल कुमार सिंह, मक्का कोशी एवं सीमांचल क्षेत्र के लिए समृद्वि का फसल है, और इस क्षेत्र में मक्का आधारित कुटीर उद्योग पर बल दिया। बिसा पुसा के डॉ0 राज कुमार जाट में कहा गया कि जलवायु अनुकुल मक्का की खेती पर बल दिया। भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली की मक्का कीट वैज्ञानिक डॉ0 सूबी मक्का मे सामेकित कीट प्रबंधन के बारे में विस्तरपुर्वक जानकारी दी।
इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र, पूर्णियॉ,अररिया, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, किशनगंज, कटिहार के वरीय वैज्ञानिकों एवं प्रत्येक कृषि विज्ञान केन्द्र से पॉच-पॉच किसानों के साथ साथ कोषी सिमांचल के प्रत्येक जिले से पॉच-पॉच किसानो के साथ कृषि समन्वयक एवं कृषि तकनीक प्रबंधको ने पंजीकरण कराया इसके अलावा बिहार कृषि महाविद्यालय, सबौर, डॉ कलाम कृषि महाविद्यालय किशनगंज, उद्यान महाविद्यालय, नालंदा, मंडन भारती कृषि महाविद्यालय, सहरसा, वीर कुवर सिंह विष्वविद्यालय, डुमरॉव, बक्सर के वैज्ञानिको ने भी पंजीकरण कराया। इस अवसर पर महाविद्यालय के अन्य वैज्ञानिक डा॰ जनार्दन प्रसाद,डॉ मिथिलेश कुमार, एस पी सिन्हा, डा॰ पंकज कुमार यादव, मखाना वैज्ञानिक डा॰ अनिल कुमार, डा॰ तपन गोराई, डॉ माचा उदय कुमार, डा॰ विकास कुमार, डा॰ सूरज प्रकाश, डॉ राधेश्याम, डा॰ अभिनव कुमार, डा॰ पंकज कुमार मंडल, डा॰ शफी अफरोज, जाकिर हुसैन, डॉ चुन्नी कुमारी, डॉ अल्पना, स्नेहा, डा॰ बिभा कुमारी के साथ साथ कर्मचारियों में गजेन्द्र, श्रवण कुमार, नवीन लकड़ा, चन्द्रमणि चौधरी के साथ साथ छात्र/छात्राओं में प्रमुख रूप से वर्षा, सोनी, अनुषा, गुंजा, नेहा, साक्षी कुमारी, अवंतिका कुमारी, विकास, कुणाल कुमार, अभिषेक कुमार, हिमांशु, नितीन, रौशन, राहुल, आलोक, आदर्श, अंकित राज, सचिन, अभिषेक, नितिन राज, हर्ष, अरविंद, अंशु कुमारी, मरियम कुमारी, पार्वती कुमारी, लवली भारती, मिनाक्षी राज, मोनी, साक्षी, सोनी, रोहनी, आदि ने उत्साह पूर्वक भाग लेकर महात्मा गांधी के विचारों से अवगत हुए। इस अवसर पर महाविद्यालय के स्नातक कृृषि के छात्र/छात्राओं में प्रमुख रूप से निधि रंजन, मन्तसा परवीन, चॉदनी, अनुजा, ऐर्श्वया रानी एवम मोसमी कुमारी आदि ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डा॰ विकास कुमार तथा धन्यवाद ज्ञापन डा॰ रूबी साहा द्वारा किया गया।