पूर्णिया: दिनांक 20.09.2023 को बामेती पटना, बिहार के सहयोग से भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णियाॅ में मोटे अनाज (मिलेट्स) उत्पादन तकनीकी पर तीन दिवसीय आवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य डॉ जनार्दन प्रसाद ने किया। इस अवसर पर पाठक्रम समन्वयक डाॅ राधेश्याम के द्वारा सभी आगत अतिथियों को फूलों का गुलदस्ता, महा विद्यालय का प्रतीक चिन्ह एवं अंगवस्त्र के द्वारा स्वागत किया गया। इसके बाद कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ उपस्थित सभी अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित करके किया। पाठक्रम समन्वयक डाॅ राधेश्याम के द्वारा तीन दिवसीय प्रशिक्षण पाठक्रम की रूपरेखा पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए बताया कि तीन दिनों तक विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा बिहार के विभिन्न जिलों से आये हुए प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जायेगा। साथ ही साथ कृषि महाविद्यालय प्रक्षेत्र पर चल रहे मोटे अनाज पर अनुसंधान कार्यो की जानकारी दी। अपने स्वागत अभिभाषण मे प्रभारी प्राचार्य डॉ जनार्दन प्रसाद ने विगत 13 वर्षों में कृषि महाविद्यालय, पूर्णियाँ की उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी, जिसमेें महाविद्यालय में कृषि शिक्षा, शोध, प्रसार एवं प्रशिक्षण के साथ साथ अन्य गतिविधियों के द्वारा किये गये कार्यों का विस्तारपूर्वक जानकारी दिए।
कार्यक्रम में प्रभारी प्राचार्य ने मृदा विशेषज्ञ के रूप में मोटे अनाज उत्पादन में मिट्टी जाॅच के आधार पर उर्वरको के प्रयोग पर चर्चा की। साथ ही साथ उन्होने बताया कि ढैचा एवं सनई की फसल को हरी खाद के रूप में, वर्मीकम्पोस्ट, जैविक खाद एवं जैव उर्वरक का अधिक से अधिक उपयोग करें जिससे आप सभी के खेतों में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा संतुलित हो सकें। साथ ही साथ उन्होने मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम पर चर्चा करते हुए सभी से मिटृी के स्वास्थ्य को बचाने की अपील व स्वच्छता को अपनाने की बात कही। तकनीकी स़त्र में विशेषज्ञ के रूप में वैज्ञानिक डॉ विनोद कुमार वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान कृषि विज्ञान केन्द्र, अररिया द्वारा उपस्थित सभी प्रशिक्षणाथियो को मोटे अनाज की महत्ता के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के परिपेक्ष में किसानो की आय को कैसे बढाया जाय उस पर विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। विभागाध्यक्ष शस्य विज्ञान एस0 पी0 सिन्हा के द्वारा मोटे अनाज की जैविक खेती कैसे की जाए एवं पोषक मान कैसे बढाया जाए इसपर व्याख्यान दिया गया। मृदा वैज्ञानिक डॉ पंकज कुमार यादव द्वारा मिलेटस उत्पादन में समेकित पोषक तत्व प्रबन्धन की उपयोगिता पर विस्तार से बताया गया। इस कार्यक्रम में बिहार के विभिन्न जिलों पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चम्पारण, मुज्जफरपुर, दरभंगा, सहरसा, पूर्णियाॅ, सारण, भोजपुर, गया एवं मुगेंर से आये प्रशिक्षणाथी शामिल होकर लाभान्वित हुए।
Tiny URL for this post: